बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। उनकी इस यात्रा का नाम ‘समाधान यात्रा’ रखा गया है। जो 4 जनवरी से पश्चिम चंपारण से शुरुआत होगी और 29 जनवरी को शेखपुरा में जाकर समाप्त होगी। उनकी इस यात्रा को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार इस यात्रा को लेकर नीतीश कुमार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा बार-बार इस यात्रा को नीतीश कुमार की आखरी यात्रा बताने में लगे हैं। वही अब उन्होंने यात्रा के नाम को लेकर भी तंज कसा है। उनका कहना है कि ये ‘समाधान यात्रा’ नहीं बल्कि ‘व्यवधान यात्रा’ है।
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‘गांधी के सिद्धांत से भटके नीतीश‘
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गांधी जी के 7 पापकर्म सिद्धांत से भटकने का आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में गांधी जी के 7 पापकर्म सिद्धांत लिखे हुए हैं। लेकिन नीतीश कुमार सिद्धांत विहीन राजनीति कर रहे हैं। नीतीश कुमार आज ऐसे लोगों की गोद में जाकर बैठ गए हैं जो भ्रष्टचारी और जातीय उन्माद फैलाने वाले लोग हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में समाधान यत्र करने से क्या हो जाएगा? ये किस तरह की यात्रा है जिसमें जनता से दूरी बनाई जा रही है?
‘समाधान नहीं व्यवधान यात्रा‘
विजय कुमार सिन्हा ने आगे कहा कि 5 जनवरी से नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर नहीं बल्कि व्यवधान यात्रा पर निकलने वाले हैं। ये यात्रा नीतीश कुमार की अंतिम और विदाई यात्रा होगी। उन्होंने किसी भी जनप्रतिनिधियों को इस यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण नहीं दिया है। जनता से दूरी बनाकर यात्रा करना उनके लिए नुकसानदेह साबित होगा। बता दें कि नीतीश कुमार की 14 वीं यात्रा है। इससे पहले वो बिहार की 13 यात्राएं कर चुके हैं। इसे लेकर भी विजय कुमार सिन्हा ने तंज कसा था। उन्होंने कह था कि नीतीश कुमार अबतक बिहार की 13 यात्राएं कर चुके हैं जिससे वो बिहार की तेरहवीं कर चुके हैं। बिहार की जनता भी ये बाद अच्छे से जानती है कि तेरहवां के बाद सबकुछ खत्म हो जाता है। नीतीश कुमार को भी ये बात अच्छे से समझ जाना चाहिए।