बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की सभी पालियों की परीक्षा रद्द करने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में अब संवेदनहीनता का नमक लग गया है। परीक्षाएं रद्द करने का दर्द लेकर राजधानी पटना की सड़कों पर निकले अभ्यर्थियों का स्वागत पुलिस ने लाठी-डंडों से किया। दर्जनों अभ्यर्थियों के शरीर से शीतलहर का प्रकोप गायब हो गया क्योंकि नीतीश सरकार की पुलिस के लाठियों ने दर्द की दवाई पिला दी। रही सही कसर सत्ताधारी दल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संवेदनहीन बयान के नमक ने पूरी कर दी।
पटना में BSSC अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर बरसाई लाठी
पुलिस की लाठी से ललन को दर्द नहीं
ललन सिंह ने पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ कहा कि यह पहली बार तो हुआ नहीं है। ये तो होते ही रहता है। कोई नई बात नहीं है। फिर उलटे मीडिया से ही पूछने लगे कि कहां लाठी चार्ज हुआ है। साथ ही यह भी कह दिया कि विरोध लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। कानून तोड़ने की कोशिश करने वालों पर तो कार्रवाई होगी ही। बिहार में किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं है।
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के बयानों पर तो ललन सिंह खीझ ही गए। भाजपा ने उन्हें महत्वपूर्ण पद पर बिठाया है लेकिन ललन सिंह ने उनकी किसी बात को महत्व नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नेता का काम बोलना है। नाम और पद के आगे नेता लग गया है तो वह कुछ ना कुछ बोलेगा ही। तभी तो पता चलेगा कि वो नेता है। वे जहां-तहां जाकर बोलते रहते हैं। उनकी बातों को कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।