झारखंड सरकार के मंत्री रह चुके योगेंद्र साव फिर एक बार चर्चा में है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक 13 सेकंड का ऑडियो वायरल हो रहा है(इंसाइडर लाइव इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है), जिसे कथित रूप से योगेंद्र साव का बताया जा रहा है। वहीं ऑडियो में कहा जा रहा है कि तुम से हम काम मांगे थे 30 परसेंट काम दे दो हमको तो तुम दो हमको और नहीं दोगे मतलब ठीक है। तुम पुराना नहीं देते हो तो चट्टी बरियातू में जो तुम माइनिंग करने जा रहे हो और कंडाबेर में माइनिंग करने जा रहे हो उसमें से जो है सो तुम 10 पर्सेंट रखकर सारा काम दो हमको। उल्लेखनीय है कि बरियातू में अभी जनहित के मुद्दों को आगे कर कुछ लोगों ने पिछले 4 दिनों में एनटीपीसी का काम बंद करवा रखा है।
2016 में किया था कफन सत्याग्रह आंदोलन
बता दें कि बड़कागांव में एनटीपीसी से के पकरी बरवाडीह कोल प्रोजेक्ट में योगेंद्र साव और निर्मला देवी द्वारा वर्ष 2016 में कफन सत्याग्रह आंदोलन किया था। आंदोलन में ग्रामीण पुलिस के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें 4 लोग मारे गए थे पुलिस और एनटीपीसी का कहना था कि योगेंद्र साव ने अपने बेटे अंकित की कंपनी के लिए 30% काम लेने के लिए कंपनी पर दबाव बनाने के लिए जनता को बरगला कर उपद्रव कराया। वहीं इस मामले में न्यायालय में आरोप सत्य पाया गया और योगेंद्र साव निर्मला देवी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई, दोनों को न्यायालय से जमानत मिली हुई है।