बिहार की राजनीति हमेशा महत्वकांक्षा के इर्द-गिर्द घुमती रहती है। कई नेता ऐसे है जिनके मन में किसी बड़े पद को पाने की लालसा उफान मार रही है। जिसमें कुछ बड़े नेताओं का नाम भी शामिल है। किसी को प्रधानमंत्री बनाना है, किसी को मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए वही कोई उपमुख्यमंत्री बनने का सपना पाले हुए है। कुछ खुल कर अपने मन की बात जाहिर करते हैं तो कुछ उसे अंदर ही दबा लेते हैं। ऐसे ही एक आशावादी नेता जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी है। जिन्होंने खुल कर अपनी महत्वकांक्षा जाहिर की है। कुशवाहा को डिप्टी सीएम पद की आस लग गई है।
पिछले दिनों ही उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वो राजनीति में भजन करने के लिए नहीं आए हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि किसी को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला लेने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है। नीतीश कुमार सही समय पर सही निर्णय लेंगे। लेकिन आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक बयान से उपेन्द्र कुशवाहा के अरमानों पर नीतीश ने पानी फेर दिया है।
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उपमुख्यमंत्री तो दूर मंत्री भी नहीं बनेंगे कुशवाहा
नीतीश कुमार ने एक और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने ने नए उपमुख्यमंत्री बनाने की बात को फालतू बताया है। नीतीश कुमार ने कहा कि पिछली बार जब वो भाजपा के साथ थे तब भी दो उपमुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहते थे। भाजपा ने जबरदस्ती उन्हें मुख्यमंत्री और दो लोगों को उपमुख्यमंत्री बना दिया था। लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी नीतीश कुमार ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तर किया गया तो जेडीयू से कोई भी मंत्री नहीं बनेगा। राजद के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है इसलिए उनका दो पद खाली है। वही कांग्रेस का भी एक मंत्री पद खाली है। यदि ये दोनों पार्टियां चाहेंगी तो उनके कोटे से मंत्री बनाए जाएंगे। नीतीश कुमार के बयान से साफ है कि उपेन्द्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री तो दूर मंत्री पद भी नहीं मिलने वाला है।