प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखाई है। नरेंद्र मोदी ने इस क्रूज का उद्घाटन वर्चुअली किया। गंगा विलास क्रूज दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा पर रवाना हो गया। इस उद्घाटन के दौरान बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव भी शामिल वर्चुअली शामिल हुए इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नीतीश PM मोदी के कार्यक्रम में दूरी बनाते नजर आए। इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार को शामिल होने था लेकिन उन्होंने तेजस्वी यादव को शामिल करवाया। इससे बिहार के सियासत में खिचातानी होना जायज है।
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पहले भी नीतीश, मोदी के कार्यक्रम में नहीं हुए है शामिल
यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम के कार्यक्रम से दूरी बनाई हो। वह पहले भी कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए है। पिछले साल ही नीतीश कुमार ने अपने चाल-ढाल से यह संकेत दे दिया था कि अब JDU और BJP के बीच दरार आने वाली है। साबित तब हुआ जब पिछले वर्ष ही JP नड्डा पटना पहुंचे थे। लेकिन नीतीश कुमार ने कोरोना का हवाला दे कर दूरियां बनानी शुरू कर दी थी। फिर कुछ ही दिन बाद CM नीतीश ने महागठबंधन के साथ अपनी नई सरकार बनाई थी। और BJP पर जेडीयू को खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए। तब से लेकर अब तक नीतीश कुमार PM मोदी के सामने आने से झिझकते नजर आए।
30 दिसंबर को कोलकाता में नमामि गंगा योजना को लेकर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक हुई। इस दौरान भी नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। वहां भी CM ने डिप्टी CM तेजस्वी यादव को ही भेजा। वही इससे पहले भी G20 शिखर सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री ने बैठक बुलाई थी। लेकिन इसमें भी CM नीतीश की जगह तेजस्वी यादव ही नजर आए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पूर्वी राज्यों की बैठक से भी नीतीश ने दूरी बनाई थी और तेजस्वी को उसमें भेजा था।
BJP ने पूछा सवाल
अब नीतीश के इस रवैये से बयानबाजी होना तो लाजमी है. इस बीच BJP ने भी अपनी बात रखी है. BJP का कहना है कि नीतीश कुमार ने 2 बार BJP को धोखा दिया है। इस वजह से CM नीतीश को पीएम नरेंद्र मोदी का सामना करने की हिम्मत नहीं है। दूसरी ओर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि CM नीतीश PM मोदी से नजरें चुरा रहे हैं। उन्होंने यह तक सवाल किया था कि प्रधानमंत्री मोदी अगर पटना आते है तो क्या प्रोटोकॉल के तहत नीतीश उनका स्वागत भी नहीं करेंगे?
27 रिवर सिस्टम से गुजरेगी क्रूज
बात करे इस क्रूज की तो यह क्रूज काशी से बोगीबील तक 3200 किलोमीटर का सफर तय करने वाली है। क्रूज वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा। इसके साथ ही यह क्रूज बांग्लादेश के बोर्डर को भी टच करेगी। खास बात तो यह है कि इस यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक शामिल रहेंगे। प्रधानमंत्री ने यह उद्घाटन वाराणसी में किया। इस खास क्रूज का आगमन बिहार में भी है। गंगा-भागीरथी-हुगली रिवर सिस्टम (नेशनल वॉटर वे 1), कोलकाता से धुबरी (इंडो बांग्ला प्रोटोकॉल रूट) और ब्रह्मपुत्र (नेशनल वॉटर वे 2)। रास्ते में 27 नदियां पड़ेंगी। गंगा, भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मातला, सुंदरवन रिवर सिस्टम्स-5, मेघना, पद्मा, जमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी 27 नदियां बीच में पड़ेंगी। इन सभी नदियों से यह क्रूज गुजरेगी।
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बिहार में भी क्रूज का होगा आगमन
तेजस्वी ने बताया है कि गंगा विलास क्रूज बिहार के 6 स्थलों बक्सर, छपरा, पटना, सिमरिया, मुंगेर, सुल्तानगंज और कहलगांव में रुकेगा। क्रूज के बिहार से गुजरने पर पर्यटकों का संस्कृति और इतिहास से परिचय होगा। यात्रा को आसान बनाने के लिए जिलों में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
क्रूज में यह सुविधाएं शामिल
इस क्रूज में तमाम सुविधाएं शामिल है। इनमे 8 सुइट, रेस्टोरेंट, बार, स्पा, सनडेक, जिम और लाउंज जैसी सुविधाएं मौजूद है। 40 सीटों वाले रेस्तरां में कॉन्टिनेंटल और इंडियन फूड के साथ बफे काउंटर हैं। आउटडोर सिटिंग में स्टीमर चेयर्स और कॉफी टेबल के साथ एक बार भी है। बाथ टब वाला बाथरूम, कन्वर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, LED टीवी, स्मोक अलार्म्स, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर्स भी शामिल हैं। यात्रा की अवधि 51 दिन है। जिसमे क्रूज 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। वही किराया 19 लाख रुपए है और सुइट का किराया 38 लाख।