झारखंड में पशु तस्करी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। लागातार पशु तस्कर पर पुलिसिया कार्रवाई की जा रही है। इसके बावजूद लागातार पशु तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं। बता दें कि ट्रकों में पशुओं को ठूंस ठूंस कर बाहर भेजने का कार्य किया जा रहा है। जो पुलिस प्रशासन के सरदर्द बन गया है। ताजा मामला गुमला जिले का है जहां पशु तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गुमला पुलिस ने चक्रधरपुर-सोनुआ मार्ग पर पदमपुर गांव से पांच पशु तस्करों को गिरफ्तारी किया है।पुलिस को सूचना मिली थी कि चक्रधरपुर-सोनुआ मार्ग से पशु तस्करी हो रही है। सूचना मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गयी और मौके पर पहुंच कर पशु तस्करों को धर दबोचा। पुलिस ने उन्हें 102 पशु, चार लाख 98 हजार रुपये नगद, एक मारुति कार, 10 मोटरसाईकिल एवं स्कूटी, तीन मोबाईल फोन के साथ पकड़ा है।
पशुओं की तस्करी करने वालों में से बंगाल के पुरुलिया निवासी 24 वर्षीय जाहिद शेख, पश्चिम सिंहभूम जिला के सोनुआ निवासी 39 वर्षीय मन किशोर प्रधान, टोकलो थाना क्षेत्र के ओरुवां गांव निवासी 40 वर्षीय मुन्ना पाडेया, चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के मेरमेरा गांव निवासी 21 वर्षीय बिजयत पूर्ति, मेरमेरा गांव निवासी 41 वर्षीय संतोष प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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पशु तस्करी के सबसे ज्यादा मामले रांची और हजारीबाग में दर्ज
बहरहाल पशु तस्करी को लेकर कार्रवाई की बात की जाए तो सीआईडी के आंकड़े साल 2016 से मई 2022 तक झारखंड में पशु तस्करी के लगभग 2200 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 1307 मामलों में अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया। पशु तस्करी के सबसे ज्यादा मामले रांची और हजारीबाग में दर्ज हैं। पशु तस्करी के पिछले 2 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य भर में कुल 871 केस दर्ज हुए हैं जिनमें 1643 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई हैं। इनमें से सिर्फ रांची में 65 केस दर्ज किए गए हैं जबकि 129 लोग गिरफ्तार हुए हैं।