विवादित बयान के बाद शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर चारों ओर से घिर चुके है। उनके बयान का विरोध अब सड़कों पर भी किया जा रहा है। वही अब यह मामला कोर्ट भी पहुंच गया है। इसी के साथ अब चंद्रशेखर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। एक साथ कई जगहों पर शिक्षा मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ कोर्ट में एक साथ कई परिवाद दायर कराया गया है।
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बेगूसराय में मामला दर्ज
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने पर विवाद शुरू हुआ था। लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल बेगूसराय के वकील अमरेंद्र कुमार अमर ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया है और कोर्ट ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। परिवादी अमरेंद्र कुमार अमर ने IPC की धारा 295A और 152A के तहत शिक्षा मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस दौरान वकील ने कहा कि एक दीक्षांत समारोह के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को विभेद पैदा करने वाला ग्रंथ बताया था, जो हिंदुओं का अपमान है। बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में प्रो.चंद्रशेखर ने समाज ने नफरत फैलाने का काम किया है। इनके खिलाफ कोर्ड जल्द ही एक्शन लेगी।
धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बोल
वही दूसरी शिकायत मुजफ्फरपुर के MP-MLA कोर्ट में की गई है। जहां शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है। धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी देने को लेकर परिवाद दायर किया गया है। अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने इसे आपराधिक मामला बताते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद दायर कराया है। जिसकी सुनवाई 25 जनवरी को होनी है। हालांकि शिक्षा मंत्री अब तक अपने बयानों पर अडिग है। वह अपने बयान पर माफी मांगने की बात पर कोई जिक्र नहीं कर रहे है।