हजारीबाग के एक दर्जन से भी अधिक विद्यालयों में छात्रों को कक्षा में पढ़ाई से पहले शराब की बोतलों को हाथ लगाना होता है। ऐसा करने के बाद ही उनके विद्यालयों में पढ़ाई प्रारंभ हो पाती है। ऐसा इसलिए है कि यह सभी विद्यालय प्रत्येक दिन संध्या विद्या के मंदिर की जगह मदिरालय में तब्दील हो जाते हैं। इन विद्यालयों में कक्षा समाप्त होने के बाद असामाजिक तत्वों का अड्डा लगता है। विद्यालय के कमरे व कैंपस में शराब पी जाती है। गांजा फूंका जाता है और वैसे ही दारू की खाली बोतलों व गंदगी को असामाजिक तत्व छोड़कर चलते बनते हैं। ऐसे में सुबह-सुबह जब छात्र यहां पढ़ाई को पहुंचते हैं तो सबसे पहले उन्हें शराब की खाली बोतलों को हाथ लगाना होता है। कैंपस व कक्षा की सफाई के बाद ही उनकी पढ़ाई प्रारंभ हो पाती है।
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ब्लैक बोर्ड पर क…ख की जगह मां बहन की गाली
शराबी सिर्फ कैंपस में शराब की बोतलें ही नही छोड़ते हैं। जितनी गंदी गालियां हैं सभी ब्लैक बोर्ड पर लिख देते हैं। हाल ही में दारू प्रखंड के राज्यकृत मध्य विद्यालय बालक में शराबियों ने कुछ ऐसे ही करतूत को अंजाम दिया था। यहां विद्यालय के कमरे का ताला तोड़कर उसमें बैठ आराम से शराब पी। गांजा फूंका। बैंच व कुर्सियां भी तोड़ दी और जब इतने से भी मन नही भरा तो चलते-चलते कक्षा में लगे ब्लैक बोर्ड पर मां-बहन की अश्लील गालियां लिख दी। यहां के मनचलों का उत्पात ऐसा है कि कुछ दिनों पहले कक्षा में लगे पंखे भी खोलकर ले गए थे।
बरही के शिवपुर विद्यालय में छत पर बैठकर पार्टी करते हैं शराबी
हजारीबाग के बरही अनुमंडल में स्थित करियातपुर पंचायत का शिवपुर मध्य विद्यालय तो शराबियों के लिए पार्टी बनाने का अड्डा बन गया है। यहां शराबी और असामाजिक तत्व छत पर बैठकर पार्टी मनाते हैं। शराब और नशे का खेल चलता है। पार्टी खत्म होने पर शराब की बोतलें भी कैंपस में फोड़कर चलते बनते हैं। इन्हें डर से कोई बोल भी नही पाता है। सुबह छात्र व शिक्षक आकर ही कैंपस की सफाई करते हैं। इनके जैसे ऐसे कई विद्यालय हैं जो शाम के समय मदिरालय में तब्दील हो जाते हैं। ऐसे में प्रशासन को इसे लेकर सख्ती की जरूरत है।