बिहार में कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक स्थिति बेहतर नहीं है। पार्टी न लोकसभा चुनावों में बेहतर कर पाती है और न ही विधानसभा चुनावों में। पार्टी की सीटें लगातार कम हुई हैं। ऐसे में अब बिहार कांग्रेस अपनी राजनीतिक स्थिति में सुधार के लिए एक निष्कर्ष पर पहुंची है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार प्रदेश पार्टी संगठन की राजनीतिक मामलों की कमेटी के गठन पर सहमति दे दी है। अब इस कमेटी के गठन की अधिसूचना भी जारी हो गई है। इस कमेटी में 24 नेता शामिल हैं। जबकि 10 वरिष्ठ पार्टी नेताओं विशेष आमंत्रित सदस्य भी बनाया गया है। कांग्रेस की यह कमेटी प्रदेश में राजनीतिक निर्णय लेने के साथ ही राज्य में होने वाले कार्यक्रमों और नीतिगत मामलों पर फैसला लेगी।
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Bihar में कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस पार्टी बिहार में लगातार कमजोर ही दिख रही है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में देखें तो 2010 के विधानसभा चुनाव में में कांग्रेस को सिर्फ 4 सीटें मिली थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में हालात बेहतर हुए और कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़कर 27 सीटें जीतीं। लेकिन 2020 के चुनाव में फिर कांग्रेस 19 सीटों पर आ गई। वहीं लोकसभा चुनावों में 2009 में कांग्रेस के दो सांसद चुने गए। 2014 में भी दो ही सीटें कांग्रेस ने जीतीं। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी।
इन नेताओं को मिली कमेटी में जगह
- पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार
- प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह
- अजीत शर्मा
- मदन मोहन झा
- चंदन बागची
- अनिल शर्मा
- अवधेश सिंह
- विजय शंकर दुबे
- श्यामसुंदर धीरज
- कौकब कादरी
- अशोक राम
- कृपानाथ पाठक
- समीर सिंह
- राजेश कुमार
- मनोहर प्रसाद
- अब्दुर रहमान
- शकील अहमद अंसारी
- अर्जुन मंडल
- प्रमोद कुमार सिंह
- डॉ ज्योति
- कपिलदेव प्रसाद यादव
- चंद्रिका प्रसाद यादव
- मोहनलाल अग्रवाल
- रामायण प्रसाद सिंह
विशेष आमंत्रित सदस्य
- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार
- तारिक अनवर
- शकील अहमद
- आफाक आलम
- मुरारी प्रसाद गौतम
- शकील अहमद खान
- मोहम्मद जावेद
- रंजीता रंजन
- चंदन यादव
- तौकीर आलम