25 लाख का इनामी नक्सली मिथलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो ने अपनी पत्नी के ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता के साथ किया पुलिस के सामने आत्मसमर्पन। गोमिया के असनापानी गांव में पुलिस के गिरफ्त में आया है। हालांकि प्रशासन की और से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मि गई है। वहीं उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमिटी ने मिथिलेश को निलंबित कर, गद्दार घोषित किया है। मिथिलेश सिंह 15 जनवरी से ही संगठन से किनारा कर लिया था ऐसा संगठन का कहना है। रांची मुख्यालय में कहीं रखने की सूचना है।
इससे पहले नक्सली संगठन की तरफ से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें इस बात का साफ उल्लेख था कि मिथिलेश सिंह अपने संगठन का करीब 53 लाख रुपये लेकर फरार है, या फिर 53 लाख रुपए का हिसाब-किताब गायब है. बताया जा रहा है कि फरार नक्सली मिथिलेश सिंह अपनी जान आफत में देख कर पुलिस के सामने सरेंडर कर चुका है. लेकिन पुलिस इस बात से लगातार इनकार कर रही है।
झुमरा पहाड़ के आसपास का इलाका कांपता था
एक ऐसा भी दौर था जब मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो के नाम से झुमरा पहाड़ के आसपास का इलाका में तुती बोलती थी । हालांकि मिथिलेश सिंह का असली नाम दुर्योधन महतो है। लेकिन उसे मिथिलेश सिंह के नाम से ही पूरा इलाका जानता है। ऐसे दर्जनों मामले बोकारो पुलिस की डायरी में दर्ज हैं, जिसमें मिथिलेश सिंह मोस्ट वांटेड नक्सली है। मिथिलेश सिंह का पकड़ा जाना झुमरा पहाड़ पर नक्सलियों के वर्चस्व का कम हो जाना या खत्म हो जाने के बराबर माना जा रहा है।