हेमंत सोरेन सरकार द्वारा झारखंड विधानसभा से पारित कर भेजे गए 1932 खतियान विधेयक बिल को राज्यपाल रमेश बैस ने वापस कर दिया है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि 27 फरवरी को होने वाले रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव मैं इसका असर पड़ सकता है। राज्यपाल द्वारा विधायक वापस कर देने के बाद राजनिति सरगर्मी तेज हो गयी है। सत्तारूढ़ दल झामुमो और कांग्रेस आग बबूला हो चुकी है और मुख्यमंत्री सहित झामुमो नेता और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल के इस फैसले पर तीखा हमला बोला है। ऐसे में यह लग रहा है कि 27 फरवरी के उपचुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है। वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो रामगढ़ विधानसभा चुनाव में 19 32 खतियान का मुख्य मुद्दा बन सकता है।
नामांकन पत्रों को जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू
रामगढ़ विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया आज 31 जनवरी से शुरू हो गई है। नामांकन पत्रों की बिक्री और नामांकन पत्रों को जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू होते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। आने वाले सप्ताह में रामगढ़ की चुनावी कार्यक्रम आरंभ हो जाएंगे। बता दें कि यहां मुख्य मुकाबला यूपी के कांग्रेस और एनडीए के आंसू के बीच होना माना जा रहा है।
एनडीए को पूरी तरह से घेरने की तैयारी में आजसू
आजसू ने चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। आजसू नेता विकास और राज्य सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर लोगों के पास जाना शुरू कर दिया है। आजसू नेता पिछले 3 वर्षो के कार्यकाल में रामगढ़ के विकास को मुद्दा बना रहे हैं। वहीं राज्य की भ्रष्टाचार को भी मुद्दा बना रहे हैं। वहीं कांग्रेस रामगढ़ में पिछले 15 वर्षों के दौरान आजसू के आतंक और राज्यस्तरीय मुद्दों को लेकर लोगों के बीच पहुंच रही है। कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी भी रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मची लूट खसोट को जमकर उछाल रहे हैं। लेकिन वर्तमान सत्तारूढ़ दल यूपीए के नेता रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को पूरी तरह से घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में 1932 खतियान, 27% ओबीसी आरक्षण, पुरानी पेंशन योजना और विकास कार्य को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जाने की तैयारी चल रही है। लेकिन इसी बीच राजभवन द्वारा 1932 खतियान विधेयक को वापस सरकार के पास भेजने से सत्तारूढ़ दल को एक राजनीतिक हमला करने का मौका मिल गया है। राजभवन के इस फैसले ने एनडीए नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इसे भी पढ़ें: Gumla: सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में लगी भीषण आग, मची अफरा तफरी, कई मशीन जले
1932 खतियान को लेकर सहमें दिखते हैं बाहरी लोग
वहीं यूपीए के नेता इस पर आक्रमक होते दिखने लगे हैं। जिसको देखकर माना जा रहा है कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में झामुमो और कांग्रेस 1932 खतियान को मुख्य मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जाएगी। वहीं एनडीए के भाजपा और आजसू 1932 खतियान मेरा सरकार के गलत नीतियों को उजागर करने में हमलावर होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गलत विधायक बनाकर भेजने का आरोप लगेगा।
हालांकि इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में बड़ी आबादी बाहरी लोगों की भी है। जो 1932 खतियान को लेकर सहमें दिखते हैं। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में खतियान और आरक्षण मुख्य मुद्दा बनकर उभर सकता है।