मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की अदावत बढ़ती ही जा रही है। उपेंद्र कुशवाहा नाराज जरूर हैं पर वो पार्टी छोड़ने के मूड में नहीं है। ये बात तभी साफ हो गई थी जब उन्होंने नीतीश कुमार से जेडीयू में अपने हिस्से की मांग कर ली थी। अभी भी उनका वैसा ही रुख कायम है। स्थिति ऐसी हो गई है कि जेडीयू दो खंडों में बंटती हुई दिख रही है। एक तरफ ऐसे जेडीयू नेता है जो नीतीश कुमार के साथ हैं। वही कुछ ऐसे भी जेडीयू नेता हैं जो उपेंद्र कुशवाहा के समर्थन में हैं। अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने एक बड़ा दांव चल दिया है।
उन्होंने एक पत्र लिख कर उसे अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया है। इस पत्र के जरिए उन्होंने जेडीयू के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी एक बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। उनका कहना है कि जेडीयू कमजोर हो रही है। लेकिन नीतीश कुमार द्वारा इसे अनदेखा किया जा रहा है।
समाधान यात्रा में पड़ा व्यवधान, CM नीतीश का जमकर हुआ विरोध
उपेंद्र कुशवाहा का पत्र
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘प्रिय साथी, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज व रोज कमजोर होती जा रही है। महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उप चुनावों के परिणाम आने के समय से ही में पार्टी की स्थिति में माननीय जी मुख्यमंत्री जी को लगातार अवगत कराते आ रहा है। समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी मैंने अपनी बात रखते आ रहे है। विगत एक महिने से मैंने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनानुदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके। मेरी कोशिश आज भी जारी है।
परन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद मा. मुख्यमंत्री जी की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है। मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूँ आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन लोगों का क्या होगा जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं और जिन्होंने बड़े बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान किया है।
साथ ही राजद की ओर से एक खास डील और जद (यू) का राजद के साथ विलय की चर्चा ने सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं के साथ आम जन मानस को भी कर दिया है। ऐसी पर राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है।अतः आज आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम मिलकर उक्त विषय पर विमर्श करें। इस हेतु आप ने आग्रह है कि अपने साथियों के साथ 19और 20 फरवरी को उपस्थित होकर चर्चा में भाग लें।‘