नागालैंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 30 जनवरी से नामांकन शुरू हो चुका है। सात फरवरी तक नामांकन होना है और 27 फरवरी को चुनाव होगा। जो दल वहां चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे प्रत्याशियों की सूची जारी करने के आखिरी चरण में हैं। वैसे तो नागालैंड में वहां की स्थानीय राजनीतिक दल और राष्ट्रीय पार्टियों के लिए तो प्रतिष्ठा का प्रश्न बना ही है। बिहार के राजनीतिक दल भी नागालैंड चुनाव में विशेष रुचि लेते हैं। बिहार विधानसभा में नंबर 1 दल राजद हो या तीसरे नंबर का जदयू दोनों की रुचि वहां चुनाव लड़ने और जीतने की है। यहां तक की जिस लोजपा (रामविलास) के पास बिहार विधानसभा में कोई सीट नहीं है, वो भी नागालैंड चुनाव को लेकर उत्साहित है। तो इसके पीछे एक बड़ी वजह है। वह वजह लोकनायक जयप्रकाश नारायण हैं, जो बिहार की राजनीति में सबसे उपर वाला स्थान रखते हैं।
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JP ने नागालैंड में बिताए थे 3 साल
1960 के दशक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति बहाली प्रमुख चुनौती थी। इस उद्देश्य को पूरा करने का बीड़ा लोकनायक जयप्रकाश ने उठाया था। इसी कड़ी में जेपी तब नागालैंड गये थे। जेपी, 1964 में यहां आए; 1967 तक रहे। यहां की शांति स्थापना में उनका खासा योगदान रहा। बिहार में मौजूदा सत्तारुढ़ महागठबंधन के दोनों बड़े दल, जदयू औ राजद, खुद को जेपी का अनुयायी मानते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने तो जेपी की जयंती पर इस वर्ष नागालैंड का दौरा भी किया था। वहां से लौटने के कुछ वक्त बाद ही जेपी ने सम्पूर्ण क्रांति का आंदोलन शुरू किया था।
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2003 में JDU ने नागालैंड में पहली बार चुनाव लड़ा
बिहार में पिछले 17 सालों से सत्ता की कुर्सी पर बैठी JDU दो दशक से नागालैंड में भी सक्रिय रही है। इसकी सीटें कम ज्यादा होती रही हैं। लेकिन तब से अब तक JDU ने नागालैंड विधानसभा का हर चुनाव लड़ा है। पहली बार JDU नागालैंड विधानसभा चुनाव में 2003 में उतरी थी। 60 सीटों वाले नागालैंड विधानसभा में पहली बार में ही JDU ने 3 सीटें जीत लीं। तब से जदयू का हौसला वहां बुलंद है। हालांकि 3 सीटें जीतने वाला परफॉर्मेंस जदयू कभी दुहरा नहीं सकी। क्योंकि 2008 के चुनाव में जदयू को कोई सीट नहीं मिली। 2013 में जदयू को 1 सीट पर जीत मिली। 2018 में हुए पिछले चुनाव में जदयू ने 13 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और 1 सीट पर जीत मिली।
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RJD ने 2008 में शुरू किया नागालैंड अभियान
अभी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने भी नागालैंड चुनाव में भाग्य आजमाया हुआ है। RJD ने पहली बार 2008 में नागालैंड विधानसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन कोई सीट नहीं मिली। 2013 के चुनाव में भी नागालैंड में RJD को मायूसी ही हाथ लगी। 2018 में वहां से राजद ने कोई प्रत्याशी नहीं दिया। लेकिन 2023 के चुनाव में राजद ने फिर वहां के चुनाव में एंट्री मार ली है। संभावना जताई जा रही थी कि नागालैंड विधानसभा चुनाव में जदयू औ राजद एक साथ चुनाव लड़ेंगे। लेकिन दोनों अकेले ही चुनाव लड़ रहे हैं।
LJP (रामविलास) ने भी कसी कमर
नागालैंड विधानसभा चुनाव में LJP (रामविलास) ने 19 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। LJP (रामविलास) ने नागालैंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी का फैसला है कि जिन विधानसभा सीटों पर BJP के उम्मीदवार होंगे, उस सीट पर पार्टी अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। वैसे 2018 में LJP वहां की दो सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है। लेकिन तब उसे किसी सीट पर जीत नहीं मिली थी।