जदयू ने उपेंद्र कुशवाहा के बागी तेवरों के खिलाफ कार्रवाई कर दी है। उनका कद तत्काल कम कर दिया गया है। जदयू में उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। लेकिन अब पार्टी ने उन्हें इस पद से बेदखल कर दिया है। यह कार्रवाई उपेंद्र कुशवाहा के बगावती तेवर को कम करने के लिए की गई है। इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का कहना है कि पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कोई नहीं है। चुनाव सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए हुआ है। उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ MLC हैं।
कुशवाहा के चाल से भड़की JDU, कार्यकर्ताओं को दिया बड़ा संदेश
कुशवाहा जदयू में दो फाड़ करने को तैयार
वे जदयू में रहकर ही अपना हिस्सा लेने की जुगत में लगे हुए हैं। यदि उपेंद्र कुशवाहा की रणनीति पर गौर करें तो ऐसा ही लगता है कि वो जदयू में नीतीश कुमार के समर्थन वाले पक्ष के खिलाफ एक और पक्ष खड़ा करने की तैयारी में हैं। जिसका संकेत उनके द्वारा जेडीयू कार्यकर्ताओं को लिखे गए पत्र से मिल रहा है। जिसमें उन्होंने जेडीयू कार्यकर्ताओं को अपनी एक बैठक में शामिल होने का निमत्रंण दिया है। इस पत्र को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भड़के हुए नजर आए। वहीं प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दे दिया है।
JDU को लेकर कुशवाहा ने जताई चिंता
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा 19 और 20 फरवरी को एक बैठक करने वाले हैं। जिसमें शामिल होने के लिए उन्होंने एक पत्र लिख कर जेडीयू के सभी कार्यकर्ताओं को बैठक में शामिल होने को कहा है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपने इस पत्र में जेडीयू के कमजोर होने को लेकर चिंता जताई है। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने राजद और जेडीयू के बीच हुई डील पर का जिक्र करते हुए भी अपनी चिंता जाहिर की। इन्ही विषय पर चर्चा करने के लिए उन्होंने अपने बैठक में जेडीयू कार्यकर्ताओं को आने का निमंत्रण दिया है।