दबंगों की दबंगई इतनी कि छात्राओं को पुलिस के पहरे के बीच पढ़ाई करनी पड़ रही है। पुलिस की बंदूक के साये में छात्राएं क्लास कर रही हैं। मामला पटना के मनेर स्थित अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन के तहत आने वाले एक निजी पैरा मेडिकल कॉलेज का है। जहां छात्राओं के आने-जाने से लेकर कॉलेज कैंपस में पुलिस उनकी निगरानी करती है। एके47 और इंसास से पुलिस छात्राओं की निगरानी कर रही है। इस तरह की तस्वीरें सुशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। मामला कुछ दिनों पहले की है। जब नर्सिंग छात्राओं से बस रोककर दबंगों ने छेड़खानी की थी। इसके बाद से छात्राएं डरी-सहमी है। छात्राएं किसी तरह अपने घर से निकल कर इंस्टीट्यूट पहुंच रही। डर से काफी संख्या में छात्राएं कॉलेज आ भी नहीं रहीं।
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बस रोककर की मारपीट, खींचा दुपट्टा
छात्राओं से बदतमीजी उस समय हुई, जब वे कॉलेज से घर लौट रही थीं। करीब 10-15 युवकों ने जमकर मारपीट और बदतमीजी की। इसका विरोध करने पर दबंगों युवाओं ने छात्राओं के मोबाइल और पर्स छीन लिया। इतना ही नहीं युवकों ने उनके दुपट्टे भी खींचे। घटना के बाद सभी छात्राओं ने इसकी सूचना इंस्टीट्यूट प्रशासन को दी। सूचना मिलने के बाद इंस्टीट्यूट प्रशासन ने इसकी लिखित शिकायत मनेर थाने में की। जिसमें बताया गया है कि जब छात्राएं बस से अपने घर लौट रही थीं, तभी कुछ दबंगों ने बस रोककर उनसे छेड़छाड़ की गई। लड़कियों को पीटा गया, धमकाया गया। उनके मोबाइल छीन लिए। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
अभी तक नहीं हुई दोषियों की गिरफ्तारी
इस निजी कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षक, जो दूसरे प्रदेशों से यहां बिहार की छात्राओं को ट्रेंड करने आई हैं, वह भी डरी हुई हैं। उनका कहना है कि यह डर तब तक रहेगा जब तक दोषियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेती है। अभी तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। निदेशक कौशल किशोर गिरि का कहना है कि छात्र और छात्राओं को भय मुक्त पढ़ाई देने का हमारा प्रयास जारी है। अभी और सुरक्षा की जरूरत है ताकि पढ़ाई सुचारू तरीके से चल सके। जो छात्राएं कॉलेज नहीं आ रहीं हैं उन्हें भी लाने का प्रयास किया जा रहा है। सबसे पहला प्रयास बच्चियों की सुरक्षा है।