[Team Insider] झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर कि कोरोना रिपोर्ट चंद घंटों में पॉजिटिव से नेगेटिव आ गई। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या एडीजी पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए या फिर लैब की लापरवाही से उन्हें पॉजिटिव बताया गया था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल 3 जनवरी को एडीजी ने राजधानी रांची के प्रसिद्ध लैब में आरटीपीसीआर की जांच कराई थी। जिसके बाद 4 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताया गया था। रिपोर्ट को उन्होंने अपनी बहन को भेजा, जो पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने देखा कि रिपोर्ट में एडीजी साहब की उम्र महज 36 वर्ष लिखी हुई है। जिस पर उन्हें शक हुआ और एडीजी ने एक बार फिर जांच कराने की बात कही और उसी शाम को फिर से आरटी पीसीआर जांच कराई। जिसमें रिजल्ट चौंकाने वाला आया। क्योंकि रिपोर्ट में चंद घंटों में ही वह पॉजिटिव से नेगेटिव बताए गए। ऐसे में यह तो साफ हो गया कि एडीजी कोरोना पॉजिटिव नहीं थे। लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही की वजह से वह तनाव की स्थिति में रहे।
तनाव में बीते 20 घंटे
ऐसे में देखा जाए तो लैब की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जब पुलिस प्रशासन के एडीजी के साथ ऐसी लापरवाही बरती जा सकती है। तो आम जनता का क्या होगा। यह समझा जा सकता है। एडीजी संजय आनंद लाटकर ने इस बाबत कहा है कि या तो अत्यधिक तनावग्रस्त स्थिति में जांच लैब है या फिर उनकी यह बड़ी लापरवाही है। जिसमें महज 20 घंटे से भी कम समय में वह पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए हैं। उन्होंने फेसबुक पेज पर लिखा है कि वह 20 घंटे में ही नेगेटिव हो गए। लेकिन यह 20 घंटे बेहद तनावपूर्ण भरा रहा।