देश की राजनीति 2024 के महासमर की तरफ बढ़ चुकी है। सत्तारुढ़ भाजपा तो यह कहती रही है कि उनकी पार्टी 365 दिन काम करती है यानि वे हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं। विपक्ष में खड़े दल भी 2024 की अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। प्रयास तैयारियों में एक-दूसरे का साथ देने का है जरुर लेकिन विपक्षी एकता अभी तक मुठ्ठी में रेत की तरह दिख रही है, जो लगातार फिसल रही है। आम आदमी पार्टी, बसपा के बाद ममता बनर्जी के ऐलान ने विपक्षी एकता का फल पकने से पहले टूटने की कगार ला दिया है। दूसरी ओर विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को बड़ी आस कांग्रेस से थी। लेकिन कांग्रेस ने भी अपनी मंशा लालू यादव के जरिए नीतीश कुमार तक पहुंचा दी है।
लालू के पक्ष में उतरीं प्रियंका, तो सवाल उठे फिर क्यों किया था ऑर्डिनेंस फाड़ने का ड्रामा?
खुलकर लालू के समर्थन में आई कांग्रेस
लालू यादव और राजद कांग्रेस के सालों पुराने साझीदार हैं। एक वक्त था जब लालू यादव को बिहार में सरकार बनाने के लिए सीटें कम पड़ीं तो सोनिया गांधी ने राजद को सपोर्ट कर दिया और सरकार बचाई। यही नहीं 2004 में लालू यादव को मनमाफिक रेल मंत्रालय भी दिया। इसके बदले में कांग्रेस का पूरा सपोर्ट लालू यादव ने किया। लेकिन लालू यादव को सबसे बड़ा जख्म भी कांग्रेस की ओर से ही मिला। जब उनकी राजनीतिक नैया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक ‘स्टंट’ ने डुबो दी। राहुल गांधी ने ही उस ऑर्डिनेंस को प्रेस क्लब में फाड़ दिया था, जो लालू जैसे सजायाफ्ता नेताओं को भी चुनावी मैदान में उतरने की सहूलियत दे सकती थी। लेकिन राहुल गांधी ने उसे लागू नहीं होने दिया। तब कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन अभी जब लालू यादव पर सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम में शिकंजा कसा है तो कांग्रेस उन्हें खुल कर समर्थन दे रही है।
प्रियंका ने लालू को दिया सहारा
कांग्रेस की ओर से दूसरे प्रवक्ता तो लालू के पक्ष में बोल ही रहे हैं। इस बीच प्रियंका गांधी भी लालू के पक्ष में खुल कर आ गईं हैं। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें ED-CBI के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है। आज राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है। लालू जी व उनके परिवार को वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं। भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।” प्रियंका गांधी के इस ट्वीट के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक हलकों में गांधी परिवार की लालू परिवार के प्रति इस हमदर्दी को आगे की राजनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
2024 के लिए कांग्रेस तैयार?
भाजपा के नेता भले ही कांफिडेंट हों कि 2024 में उनकी सत्ता लौट रही है। विपक्ष का अलगाव भाजपा के कांफिडेंस की बड़ी वजह मानी जा सकती है। लेकिन कांग्रेस भी तैयार है। राहुल गांधी को भाजपा पर गलती का भरोसा है। राहुल ने कहा भी है कि 2004 में शाइनिंग इंडिया कैम्पेन के बाद भी भाजपा हारी थी। 2024 में भी यही कहानी दुहराई जाएगी। यानि सत्ता में कांग्रेस आएगी। दूसरी ओर कांग्रेस ने उन दलों से दिल मिलाने का प्रयास शुरू कर दिया है, जो उसके करीब हो सकते हैं। राजद ऐसी ही पार्टी में से एक है। प्रियंका का लालू के समर्थन में इतना खुलकर आना, इसी की एक कड़ी हो सकता है। चूंकि अभी लालू यादव और राजद का स्टैंड नीतीश कुमार को 2024 के पीएम प्रोजेक्शन पर लगा है, जिसे कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में प्रियंका गांधी के ट्वीट ने नीतीश कुमार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। क्योंकि लालू परिवार अगर गांधी परिवार के करीब आएगा तो 2024 में राजद के कांग्रेस को सपोर्ट करने के चांसेज बढ़ेंगे।