लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मियाँ तेज हो गई है। बिहार का सीमांचल क्षेत्र चुनावी लड़ाई का हॉटजोन बना हुआ है। भाजपा और बिहार की क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की तरफ से मिशन 2024 के लिए सीमांचल से ही शंखनाद किया है। शुरुआत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे से हुई थी। पिछले महीने यानी फरवरी में महागठबंधन ने महारैली कर अपना दमखम दिखाया था। वहीं अब इस रेस में AIMIM भी शामिल होने जा रही है। खुद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल के दौरे पर आने वाले हैं।
सीमांचल में ओवैसी की पदयात्रा
मिली जानकारी के अनुसार AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी 18- 19 मार्च को सीमांचल का दौरा करेंगे। बिहार में हावी पदयात्रा पॉलिटिक्स को असदुद्दीन ओवैसी भी हथियार बनाने की प्लानिंग में हैं। इस बारे में खुद AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने जानकरी दी है। उन्होंने बताया है कि उनकी पार्टी की तरफ से सीमांचल में अधिकार पदयात्रा निकली जाएगी। उनका कहना है कि इस पदयात्रा के जरिए सीमांचल के साथ हो रहे अन्याय के मुद्दों को उठाया जाएगा। जिसमें असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल होंगे। इस दौरान वो पूर्णिया के बैसी-अमौर और किशनगंज के कुछ हिस्सों का दौरा करेंगे।
सीमांचल में AIMIM का प्रभाव
सीमांचल मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। ये एक बड़ी वजह है कि यहां AIMIM के प्रभाव को नाकारा नहीं जा सकता है। बिहार में सीमांचल ही वो क्षेत्र है जहां से AIMIM ने बिहार में अपना अस्तित्व बनाया। चुनावी परिणामों पर गौर करे तो इसके प्रमाण मिल जाएंगे। दरअसल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने कुल 5 सीटें जीती थी। ये पाँचों सीट सीमांचल के थे। हालांकि इसमें से 4 विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए। लेकिन सीमांचल में इस जीत के बाद से ही AIMIM हौसले बुलंद हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रभाव को और मजबूत करना AIMIM के लिए बड़ी चुनौती है। जिसके लिए AIMIM की तरफ से पूरी ताकत झोंकी जा रही है।
सीमांचल के कुल लोकसभा सीटों की मौजूदा स्थिति
कुल लोकसभा सीट | BJP | JDU | Congress | RJD |
4 | 1 | 2 | 1 | 0 |
सीमांचल के कुल विधानसभा सीटों की मौजूदा स्थिति
कुल विधानसभा सीट | BJP | JDU | Congress | RJD | AIMIM | CPI(M) |
24 | 8 | 4 | 5 | 5 | 1 | 1 |