जमशेदपुर : झारखंड में लंबे समय से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग डॉक्टर के द्वारा की जा रही है। इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झासा के संयुक्त तत्वाधान में कई बार आंदोलन भी होते रहे है। हाल ही में चिकित्सकों ने पूरे राज्य में कार्य बहिष्कार कर कड़ा संदेश दिया था।
राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग हुई तेज
डॉक्टर पर बढ़ते हमले को देखते हुए राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग तेज हो गई है। इसी कड़ी में शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से साकची स्थित आइएमए भवन में जनप्रतिनिधियों से संवाद कार्यक्रम रखा गया था। इस तरह की यह पहली बार कार्यक्रम रखा गया था। इसमें सत्तारूढ़ पार्टी के कोल्हान से सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन सिर्फ बहरागोड़ा विधायक समीर महंती व जुगसलाई विधान सभा क्षेत्र के विधायक मंगल कालिंदी ही पहुंचे।
चिकित्सकों की सुरक्षा जरूरी
विधायक मंगल कालिंदी ने चिकित्सकों की बात सुनने के बाद कहा कि डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार चिंता का विषय है। कोई भी चिकित्सक नहीं चाहता है कि उनके हाथों से किसी मरीज की जान जाएं। कोरोना काल में मरीजों की सेवा करते-करते न जाने कितने चिकित्सकों की जान चली गई। ऐसे में उनके साथ हो रही मारपीट और नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर कानून बननी चाहिए। इसे लेकर वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे और अगर जरूर पड़ी तो विधानसभा में भी वे आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। चिकित्सकों की सुरक्षा जरूरी है।
मारपीट की संस्कृति भारत की नहीं
विधायक समीर महंती ने कहा कि चिकित्सकों के साथ मारपीट की संस्कृति भारत की नहीं है। जिस तरह से लगातार घटनाएं बढ़ रही है वह चिंता का विषय है। उन्होंने आइएमए के पदाधिकारियों से कहा कि आप एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कीजिए। हमलोग रांची चलकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और उसके बाद जब विधानसभा में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन संबंधित बिल आएगी तो उसका समर्थन भी किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों को भरोसा दिया कि दोनों बिल को लेकर सरकार गंभीर है और इसका परिणाम भी जल्द दिखेगा।