रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान बोकारो के धनघरी में बुधवार सुबह विस्थापितों और जिला प्रशासन के बीच झड़प हो गई। इस दौरान विस्थापितों ने पत्थर चलाना शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए रबर बुलेट फायरिंग की, जिसमें एक दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं। वहीं झड़प में सेक्टर नाइन के थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए है।
नियम मुताबिक मुआवजे की मांग
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं महिलाओं को घर में घुसकर पीटा गया। ग्रामीणों का कहना है कि हमें 2013 के भूमि अधिग्रहण के नियम के मुताबिक मुआवजा दिया जाए। इसी मांग को लेकर हम लोग धरना दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बीते साल 24 सितंबर को प्रशासन के सहयोग से रेलवे ने 16 मकानों को ध्वस्त कर रेलवे लाइन का रास्ता भी साफ कर दिया था। इसके बाद से गांव के लोग लगातार धरना दे रहे थे। जब भी रेलवे के कर्मी काम करने पहुंचते ग्रामीण मुआवजा की मांग को लेकर विरोध करते थे।
लाइन दोहरीकरण रोक रहे थे ग्रामीण
चास के एसडीएम दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने हल्का बल प्रयोग करते हुए 5 राउंड रबर बुलेट फायरिंग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि धनघरी के विस्थापित तुपकाडीह-तालगड़िया रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को रोक रहे थे। उपायुक्त कुलदीप चौधरी के नेतृत्व में प्रशासन ने बुधवार की अहले सुबह विस्थापितों से जमीन खाली करवाना शुरू कर दिया। वहीं उपायुक्त कुलदीप चौधरी और एसपी चंदन कुमार झा कैंप कर रहे थे। उन्होंने बताया कि रेल मार्ग की परियोजना को पूरा करने के लिए लंबे समय से प्रशासन पर दबाव था। कई दौर की वार्ता के बाद भी विस्थापित अपनी जिद पर अडे़ हुए थे। तुपकाडीह से तालगड़िया के बीच के रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम बीते तीन साल से चल रहा है। 95 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है।