बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एक बयान को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है। दरअसल मांझी ने रावण को भगवान राम से श्रेष्ठ बता दिया था। साथ ही उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक भी बताया था। जिस पर अलग- अलग राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी इस मामले को लेकर मांझी पर जोरदार हमला बोला है। इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखते हुए महागठबंधन की सरकार को भी अपने निशाने पर लिया है।
“समाज में असंतोष पैदा कर रहे मांझी“
चिराग पासवान ने कहा कि भगवान राम हैं या नहीं ये आस्था का विषय है। किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना गलत है। खास कर राजनीतिक दलों को लोगों की आस्था और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, ये उनका दायित्व भी है। एक राजनेता का काम लोगों की सेवा कारना होता है ना कि लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाना। इस बात का कोई औचित्य ही नहीं है कि राम बड़े थे या रावण बड़े थे। उन्होंने जीतन राम मांझी की और इशारा करते हुए कहा कि वो सरकार का हिस्सा है उन्हें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए काम करना चाहिए। वो खुद भी बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं फिर भी इस तरह की बात कर के समाज में असंतोष पैदा करने का काम कर रहे है।
“बिहार में कभी भी हो सकता मध्यावधि चुनाव“
चिराग पासवान ने महागठबंधन सरकार को भी अपने घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 20 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की थी। लेकिन इन घोषणाओं को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनकी सहयोगी दल राजद की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए वो ये अच्छी तरह से जानते हैं कि बिहार में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकता है। पिछले 18 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं इस के बाद वो सिर्फ घोषणाएं ही कर रहे हैं। रोजगार मांगने वालों पर लाठियां चलाई जा रही है। नीतीश कुमार सिर्फ वादा करते हैं उसे पूरा नहीं करते हैं ये बात बिहार की जनता भी समझ चुकी है।