मानहानी केस में 2 साल की सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है। दिल्ली से बिहार तक इसे लेकर सियासत गरमाई हुई है। एक ओर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की तरफा से बयानी हमले किए जा रहे हैं। बिहार की सियासत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। राजद और जदयू सहित महागठबंधन के लगभग सभी दल राहुल गांधी के पक्ष में बयान दे रहे हैं। वही बिहार भाजपा के नेता कांग्रेस पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने तीखी प्रतिक्रया दी है। उनका कहना है कि कांग्रेस के लोगों को सिर्फ पाकिस्तानी कानून पसंद है। ये लोग का काम बस छाती पीटना है।
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“कांग्रेसियों को पाकिस्तान का कानून अच्छा लगता है“
भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कांग्रेसियों का काम ही है छाती पीटना। देश की जनता देख रही है कि कांग्रेसियों ने आज तक क्या किया है। कांग्रेस की आदत रही है कि हिंदुस्तान के कानून को नहीं मानना, इनके नेता हिंदुस्तान के कानून नहीं मानते हैं। ये लोग सब कुछ अपने हिसाब से करना चाहते हैं। कांग्रेसियों को पाकिस्तान का कानून अच्छा लगता है।
नीरज सिंह बबलू ने आगे कहा कि पहली बार नहीं है कि किसी की सदस्यता खत्म नहीं हुई है। सबसे पहले इंदिरा गांधी की सदस्यता खत्म हुई थी , उसके बाद सोनिया गांधी की भी सदस्यता चल गई थी और अब राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हुई है। उन्होंने कहा कि कोई देश के प्रधानमंत्री को चोर कहेगा तो उसकी सदस्यता कहातम होनी ही चाहिए। राहुल गांधी तो एक बार कोर्ट ने माफ कर दिया। लेकिन, उसके बाद भी ये शांत नहीं हुए तो इनकी सदस्यता गई। ये लोग अपने हिसाब से कानून को चलाना चाहते हैं, यहां के कानून को ठेंगे पर रखते हैं।
इस बयान को लेकर सुनाई गई सजा
दरअसल जिस मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है और उनकी सदस्यता रद्द की गई है वो साल 2019 में उनके द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। साल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘सभी चोरों का नाम मोदी ही क्यों होता है?’ इस बयान को लेकर भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानी केस दर्ज कराया था। इसी मामले में गुजरात के सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि उन्हें बेल मिल गई हैं। उपरी अदालत में अपील करने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया है।