बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए लगभग 6 साल का समय बीत चुका है। इसके बाद भी शराब तस्करी के नए-नए मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि पुलिस भी पूरी मुस्तैदी से शराब तसकारों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी हुई है। इसके बावजूद भी शराब तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वो शराब तस्करी के नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसा ही एक पूर्वी चंपारण से सामने आई है। जहां तस्करों ने मरीजों को ढ़ोने वाले एंबुलेंस से शराब की तस्करी शुरु कर दी है। जिसकी जानकारी मिलने पर मेहसी पुलिस ने थाना क्षेत्र के खेसारी चौक पर छापेमारी कर एंबुलेंस में बने तहखाना से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद किया है। पुलिस ने एंबुलेंस ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया है।
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गुप्त सुचना पर पुलिस ने की कार्रवाई
चकिया एएसपी शरथ आरएस ने बताया कि मेहसी थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को गुप्त सूचना मिला थी कि खेसारी चौक पर एक एंबुलेंस से शराब की खेप लाई गई है। जिसे एक घर में उतारा जा रहा है। थानाध्यक्ष ने एसपी कांतेश कुमार मिश्रा को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद एसपी ने चकिया एएसपी शरद आरएस के नेतृत्व में टीम बनाई और छापेमारी करने का निर्देश मिला। फिर छापेमारी कर एंबुलेस के अंदर बने तहखाने में छुपा कर रखे गए विदेशी शराब की बड़ी खेप को बरामद किया गया। जिस घर में शराब की खेप उतारी गई थी। उस मकान से भी शराब बरामद हुई है। मकान मेहसी के अशफाक अंसारी का है। छापेमारी के दौरान एंबुलेस चालक को गिरफ्तार किया गया है।
चालक मुजफ्फरपुर जिला के पारू थाना क्षेत्र का रहने वाला मोख्तर अली है। गिरफ्तार एंबुलेंस चालक मोख्तार अली ने पूछताछ में बताया कि वह मेहसी में भाड़े के मकान में रहता है। मकान मालिक ने एक गोदाम दिया था। जिसमें शराब को डंप किया जाता था।वह एंबुलेंस से कई बार झारखंड से शराब की खेप ले कर आया है।जिसे लाने में कोई परेशानी नहीं होती थी।क्योंकि जब भी पुलिस की गाड़ी दिखाई देती।तो सायरन बजाना शुरू कर देता था।जिसकारण पुलिस उसके गाड़ी को आसानी से बिना जांच के निकलने देती थी।बरामद शराब की कीमत लगभग दस लाख रुपया आंकी जा रही है।