चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले आठ महीने से जनसुराज पदयात्रा पर निकले हुए हैं। इस दौरान वो बिहार के कई जिलों के प्रखंड स्तर तक जाकर वहां के लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें संबोधित भी कर रहे है। इस दौरान वो कभी केंद्र सरकार को अपने निशाने पर लेते हुए दिखते हैं तो कभी बिहार सरकार पर हमलावार रहते हैं। इन सब के बीच एक सवाल रह-रह कर उठता रहता है कि क्या प्रशांत किशोर अपनी कोई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और क्या चुनाव लड़ेंगे? यदि वो चुनाव लड़ेंगे तो उनकी क्या रणनीति होगी? इन सब सवलों का जवाब प्रशांत किशोर ने बड़े खुले अंदाज में दे दिया है। उन्होंने संकेत दे दिया है कि यदि वो पार्टी बनाते हैं तो चुनाव में एंट्री एकला चलो रे की नीति के साथ करेंगे।
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किसी के साथ नहीं होगा गठबंधन
दरअसल, सारण जिला के मढ़ौरा में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी पार्टी नहीं बनी है। लोगों से पार्टी बनाने को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। लेकिन अगर जन सुराज दल का गठन होता है तो कभी गठबंधन की राजनीति में नहीं जाएंगे। मतलब ये कि उनका दल अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि वो एक नई व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए किसी भी दल के साथ गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
कई सीटें जीतने का दावा
प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने पर बड़ी संख्या में सीट जीतने का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग जन सुराज के परिकल्पना से दिल से जुड़ गए तो चुनाव लड़ने पर हम इतने सीट जीत जाएंगे कि गिनना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन लोग नहीं समझ पाए तो एक सीट भी जीतना मुश्किल होगा। यदि जनसुराज पार्टी बनी तो यह पार्टी बिहार के जनता की होगी ना कि प्रशांत किशोर जैसे किसी व्यक्ति की। लड़ाई में जीत और हार दोनों बिहार के जनता की ही होगी। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा राजनीतिक दलों और नेताओं को सलाह देकर उन्हें व्यवस्थित रूप से चुनाव लड़ने और जीतने में मदद करता रहा। अब यही काम बिहार की जनता के लिए करूंगा। अभी लोगों को संगठित करने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने विश्वास जताया की बिहार बदलेगा।