आरकेड बिजनेस कॉलेज द्वारा आयोजित मोटिवेशनल सेमिनार में आज देश के दिग्गज मोटिवेशनल स्पीकर व करोड़ों युवाओं के चहेते सोनू शर्मा ने युवाओं को मोटिवेट किया और उन्हें उनके लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जरुरी टिप्स भी दिया। ये सेमिनार पटना के बापू सभागार में हुआ। आरकेड बिजनेस कॉलेज के निदेशक व करियर काउंसलर आशीष आदर्श ने सोनू शर्मा का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। बापू सभागार में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा महाभारत एक प्रसंग का जिक्र करते हुए युवाओं को उनके लक्ष्य के प्रति केंद्रित रहने के बारे में बताया। सोशल मीडिया से होने वाले भटकाव को लेकर भी उन्होंने युवाओं को सतर्क किया। बता दें कि आरकेड बिजनेस कॉलेज के निदेशक व करियर काउंसलर आशीष आदर्श ने सोनू शर्मा का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।
‘भटकाव के माहौल में उद्देश्य पर फोकस करें’
मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा ने कहा कि हम में से अधिकतर लोग बेहद सामान्य और मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। लेकिन अगर जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना है, तो हमें इस भटकाव के माहौल में अपने उद्देश्य पर फोकस करना होगा। हम सभी के जीवन में बहुत संघर्ष व परेशानियाँ हैं। आपकी परेशानी में किसी को कोई दिलचस्पी नहीं है। 90% इसमें कोई रूचि नहीं लेंगे और बाकी 10% खुश होंगे कि आप परेशानियों में हो। जो अपने संघर्ष से हमेशा परेशान रहता है, वह जीवन में कभी कुछ भी नहीं कर सकता। इसलिए आज ही, अब आपको तय करना है कि आप अपने जीवन से क्या चाहते हैं। यदि आप औसत सफलता से खुश हैं और रोज़ रोज़ की परेशानियों के साथ जीवन गुजारना चाहते हैं, तो कोई बात नहीं। परन्तु यदि आप एक मामूली क्रिकेटर से विराट कोहली बनने का सपना देखते हैं, यदि आप एक साधारण बस कंडक्टर से रजनीकांत बनने की ख्वाहिश रखते हैं और यदि आप एक जूनियर शिक्षिका से मदर टेरेसा जैसी उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं, जो यह जीवन इसके लिए आपसे बड़ी कीमत मांगेगा, और वह कीमत है फोकस।
महाभारत के प्रसंग का उदहारण
मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा ने कहा कि महाभारत में यह वर्णन है कि जब एक मछली को पेड़ से लटका कर तीर निशाने पर लगाने का आदेश सभी पांडव भाइयों को दिया गया और फिर जब उनसे पूछा गया कि सामने क्या नजर आ रहा है, तो भीम ने कहा कि मुझे मछली के आसपास अच्छे फल नजर आ रहे हैं। फिर युधिष्ठिर से पूछा गया कि तुमको क्या नजर आ रहा है, तो युधिष्ठिर ने कहा कि मुझे पेड़ और सुन्दर आसमान नजर आ रहा है। फिर जब अर्जुन से यही प्रश्न पूछा गया, तो उसने कहा कि मुझे तो केवल मछली की आँख नजर आ रही है, और फिर उसका तीर निशाने पर लग गया। आज सोशल मीडिया, गॉसिप, पार्टी और दूसरों के बारे में बेकार की बातें हमें सबसे अधिक भटकाव देती हैं, जिससे हमारी ऊर्जा छिन्न भिन्न हो जाती है। यदि हम अभी से केवल 5 वर्ष के लिए अपने उद्देश्य पर फोकस कर दें, तो उसके बाद आपके सामने एक ऐसी सफलता गारंटीड है, जिसपर आपके माता-पिता गर्व करेंगे।
‘नॉलेज पर ईमानदारी से अमल करना है जरुरी’
मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा ने आगे कहा कि यदि हम अपने जीवन में बेकार चीजों का पहले स्थान दे देंगे, तो जरुरी बातों के लिए मन में स्थान ही नहीं बचेगा। एक जार में यदि हम पहले बड़े पत्थरों के टुकड़े डाल दें, तो पहले लगेगा कि अब इसमें कुछ और नहीं जायेगा। फिर छोटे पत्थर डालेंगे, तो बड़े पत्थरों के बीच वे अपनी जगह बना लेंगे। फिर ऐसा लगेगा कि जार में कोई जगह नहीं है। फिर हम रेत डालें, तो बची जगह में रेत अपनी जगह बना लेगी। एक बार फिर लगेगा कि अब इसमें जगह नहीं बची, लेकिन फिर पानी डालेंगे तो रेत में पानी भी चला जायेगा। अब इस क्रम को हम उल्टा कर देते हैं। अब हम जार में पूरा पानी भरते हैं। अब अगर रेत डालेंगे तो पानी बाहर गिरेगा। फिर पत्थर डालेंगे तो बहुत पानी बाहर निकल जायेगा।
इसलिए, यदि हमने अपने दिमाग में बेकार व नकारात्मक बातों को जगह दी हुई है, तो अच्छी बातें कभी भी उसमें नहीं आ पाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम हमेशा सुनते आये हैं कि नॉलेज इज पॉवर। लेकिन यह दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है। सिगरेट पीता हुआ आदमी भी यह जानता है कि सिगरेट हानिकारक है, शराब पिने वाला भी इससे होने वाले नुकसान से वाकिफ है, फिर भी लोग सिगरेट और शराब पीते हैं। इसलिए, किसी भी नॉलेज का कोई महत्व नहीं, जब तक उसपर ईमानदारी से अमल नहीं किया जाये।