CHATRA: झारखंड के नक्सल प्रभावित चतरा जिले में विगत तीन अप्रैल को सुरक्षाबलों और भाकपा माओवादी नक्सलियों के बीच हुए भीषण मुठभेड़ में पांच शीर्ष माओवादियों के खात्मे के सकारात्मक असर अब सीधे तौर पर प्रदेश में नजर आने लगे हैं। मुठभेड़ नक्सल प्रभावित लावालौंग थाना क्षेत्र में हुई थी।
संगठन में अब गिने-चुने उग्रवादी ही शेष
झारखंड पुलिस के विश्वस्त सूत्रों की माने तो इस मुठभेड़ से सहमे चार ईनामी नक्सलियों ने चतरा पुलिस के समक्ष एक साथ सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों से पुलिस और खुफिया विभाग के आला अधिकारी जिले के अलग-अलग थानों में लगातार पूछताछ कर रहे हैं। लावालौंग मुठभेड़ के बाद कौलेश्वरी मध्य जोन में एक साथ चार ईनामी बड़े नक्सलियों के सरेंडर के बाद माओवादी संगठन में अब गिने-चुने उग्रवादी ही शेष रह गए हैं।
नक्सलियों का आत्मसमर्पण चतरा पुलिस के लिये बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 5 लाख का ईनामी शीर्ष जोनल कमांडर बिहार के गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र स्थित गरहीतरी निवासी अमरजीत यादव उर्फ लखन यादव, 5 लाख का ईनामी पलामू जिले के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के करकट्ठा निवासी संतोष भुईयां, 5 लाख का इनामी चतरा जिले के राजपुर थाना क्षेत्र स्थित सिकिद निवासी सहदेव यादव और नीरु का नाम शामिल है। हालांकि पुलिस विभाग के वरीय अधिकारी अभी नक्सलियों के सरेंडर की पुष्टि नही कर रहे।
मुठभेड़ के बाद दहशत में नक्सली
गौरतलब है कि विगत तीन अप्रैल को चतरा जिले के पलामू बार्डर पर स्थित लावालौंग थाना अंतर्गत नौडीहा जंगल में पुलिस और माओवादी उग्रवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य 25 लाख का इनामी उग्रवादी गौतम पासवान उर्फ प्रवेश पासवान व अजीत उरांव उर्फ चार्लीस उरांव, 5 लाख का इनामी सब जोनल कमांडर नंदू यादव, अमर गंझू एवं संजीत भुइयां मारे गए थे। वहीं मुठभेड़ के दो दिन बाद पांच लाख के इनामी सब जोनल कमांडर नंदकिशोर यादव उर्फ ननकुरिया को पलामू पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नंदकिशोर यादव मुठभेड़ में गोली लगने के बाद भागकर इलाज करा रहा था।
नक्सलियों के सरेंडर करने की चर्चा तेज
तीन दिन पूर्व भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी सदस्य 15 लाख के इनामी इंदल गंझू ने बिहार पुलिस के सामने समर्पण कर दिया है। बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना के असरैन गांव निवासी इंदल उर्फ ललन उर्फ उमा संगठन में बड़ा चेहरा था। हालांकि इंदल गंझू के भी आत्मसमर्पण की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो रही है। रीजनल कमेटी सदस्य इंदल गंझू के विरुद्ध झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में पांच दर्जन से अधिक दुर्दांत मामले दर्ज हैं, जिसमें पुलिस के साथ मुठभेड़, हत्या, अपहरण, लेवी आदि शामिल है। स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य गौतम पासवान के बाद रीजनल कमेटी सदस्य इंदल संगठन में गहरी पैठ रखता था।
आत्मसमर्पण से टूटी संगठन की रीढ़
चतरा पुलिस के समक्ष भाकपा माओवादी के चार शिर्ष ईनामी नक्सलियों के आत्मसमर्पण की खबर ने संगठन की रीढ़ तोड़ कर रख दी है। इन नक्सलियो के सरेंडर से बिहार-झारखंड मध्य जोन पूरी तरह माओवाद मुक्त माना जाने लगा है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि संगठन में बचा एकमात्र सिर्फ नक्सली अरविंद भुईयां भी जल्द ही पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देगा। वह भी पुलिस और खुफिया विभाग के वरीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। अरविंद भुईयां पर भी राज्य सरकार ने इनाम की घोषणा कर रखी है।