RANCHI: झारखंड में नई नियोजन नीति 60-40 के विरोध में छात्र संगठनों ने आज झारखंड बंद बुलाया। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा 60-40 नियोजन नीति को वापस कर झारखंडी हित में खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने की मांग की गई । पिछले चार महीनों से लगातार कई डिजिटल और फिजिकल आंदोलन को एतिहासिक सफल बनाने के बावजूद सरकार द्वारा मांग नहीं माने जाने के कारण बाध्य होकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा 72 घंटे का त्रिदिवसीय महाआंदोलन का ऐलान किया गया था। 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री महाघेराव को एतिहासिक सफल बनाने के पश्चात् 19 अप्रैल को आंदोलन के तीसरे दिन सम्पूर्ण झारखंड बंदी एतिहासिक सफल रहाl
मोरहाबादी बाजार बंद
क्रांतिकारी छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो के नेतृत्व में रांची के विभिन्न जगहों पर सुबह 6 बजे से सड़क पर उतरकर बंदी कराया गया। रांची का सबसे बड़ा बाजार मोरहाबादी बाजार को बंद कराया गया। रांची के कचहरी चौक, लालपुर, मैन रोड, रातू रोड, कांटा टोली, लोवाडीह चौक, कोकर चौक, बुटी मोड़, बीआईटी मोड़, ओरमांझी, टाटीसिलवे , नामकुम, बहु बाजार, सुजाता चौक, डोरण्डा, हीनू बिरसा चौक, हटिया, टुपूदाना ,दस माईल, सतरंगी, धुर्वा, ओरगोढ़ा चौक, किशोर गंज, रातू रोड, आईटीआई बस स्टेंड, खादगाढ़ा बस स्टेंड, कांके के अलावा अन्य जगहों पर निकलकर झारखंड बंद को एतिहासिक सफल बनाया गया, आकस्मिक सेवा को बंद से मुक्त रखा गया।
छात्र दीया का रूप है
जैक ग्यारहवीं का परीक्षा को स्थगित किया। रांची विश्वविद्यालय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सेमेस्टर परीक्षा को रद्द बंदी को समर्थन कर सफल बनाने में सहयोग किया। झारखंड के बस चालक, ट्रक चालक, ऑटो चालक, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, लाइब्रेरी, दुकान, बाजार, सब बंद कर आंदोलन को एतिहासिक सफल बनाया। मौके पर क्रांतिकारी देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि नियोजन नीति का आन्दोलन का आग भयंकर रूप लेकर धधक रहा है। यह आग तब तक जलता रहेगा, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी। छात्र दीया का रूप है जो दूसरों को प्रकाश करने वाले होते है, लेकिन वर्तमान झारखंड सरकार दीया रूपी छात्र मशाल बना दिया है, जो भयंकर आग के रूप में धधक रहा है। विकराल रूप ले चुका है।
छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में छुट मिले
साथ ही मौके पर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के देवेन्द्र नाथ महतो ने सरकार से मांग किया है कि हकमार 60-40 नियोजन नीति को सरकार तत्काल वापस कर झारखंडी हित में नियोजन लागू कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाय। बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 ई के उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को अधिकार है कि संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट, संकल्प को अंगीकृत कर सकता है, तो इसी अधिकार के तहत बिहार का 3 मार्च 1982 वाला नियोजन नीति जिसका पत्रांक संख्या 5014/81- 806 को अंगीकृत कर बिहार के तर्ज़ पर नियोजन नीति लागू किया जाय तथा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाय।
नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाय। जनसंख्या के अनुपात सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाय। झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाय। जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा का अनिवार्यता किया जाय। राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाय। मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दिया जाय। उत्तराखंड के तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाय l