बिहार के पूर्व MLC सोनेलाल मेहता का निधन हो गया है। उनका इलाज पटना के IGIMS अस्पताल में चल रहा था जहां गुरुवार की देर रात को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। वो जदयू के काफी वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। उनके निधन की खबर को लेकर सियासी गलियारों में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। सोनेलाल मेहता नीतीश कुमार के काफी पुराने साथी थे। समता पार्टी के समय से ही नीतीश कुमार के नजदीकियों में से एक थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी थे। उनके निधन से राजनीतिक एंव सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी उनके निधन पर पर शोक व्यक्त किया है।
सोनेलाल मेहता का राजनीतिक सफर
बता दें कि सोनेलाल मेहता ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1972 में की थी। 1974 में जेपी आंदोलन में उन्होंने खगड़िया में छात्र-आंदोलन नेतृत्व किया। 1975 में इमरजेंसी के वो जेल भी गए। फिर 1975 के अंत में मीसा के अंतर्गत केंद्रीय कारा बक्सर में बंदी बनाकर रखा गया, जहां वे लगभग एक साल से अधिक समय तक जेल में रहे। सोनेलाल मेहता 1977 में जनता पार्टी, फिर लोकदल, दमकिपा से होते हुए 1985 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। 1987 में खगड़िया जिला युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बनाए गए। जिसके लगभग आठ साल तक जिलाध्यक्ष रहे। बाद में समता पार्टी में शामिल हुए। प्रदेश के महासचिव बनाए गए।
2014 में बने विधान परिषद् का सदस्य
इसके बाद मेहता जनता दल (यू.) बनने पर 2004 में खगड़िया जिला जदयू के जिलाध्यक्ष बने। लगभग 10 साल तक जिलाध्यक्ष रहे। साल 2013 में जदयू के प्रदेश महासचिव बनाए गए। मार्च, 2014 में उन्हें बिहार विधान परिषद् का सदस्य बनाया गया। उन्होंने 1984 में खगड़िया नगरपालिका के वार्ड नं-01 से वार्ड पार्षद का चुनाव भी जीता थे। उस समय नगर पालिका खगड़िया में मात्र 10 वार्ड हुआ करता था