जातिगत जनगणना को लेकर बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट से पहले ही झटका लग चुका है। वही बीते दिन को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जिससे बिहार सरकार को दोहरा झटका लगा है। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने विरोधियों के निशाने पर बने हुए हैं। राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने नीतीश कुमार की नियत पर ही सवाल खड़ा किया है।
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“बिहार सरकार नहीं चाहती जातिगत जनगणना”
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा एक दिवसीय दौरे पर रोहतास के डेहरी ऑन सोन पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि बिहार सरकार कभी नहीं चाहती है कि बिहार में जातीय जनगणना हो। बिहार की सरकार सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति करना जानती है। जातिगत जनगणना पर रोक लगाना बिहार सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। जब यह मामला पटना हाईकोर्ट में गया तो बिहार सरकार ने तथ्यों को कोर्ट के समक्ष सही तरीके से नही रखा अगर अपना पक्ष सही तरीके से रखा होता तो निश्चित तौर पर कोर्ट की तरफ से सकारात्मक निर्णय आता। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना पर रोक लगने का कारण जो भी हो इसके लिए सीधे तौर पर बिहार सरकार दोषी है। उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है यह हम लोग भी चाहते हैं जातीय जनगणना हो यह सब के लिए बेहद जरूरी है।