RANCHI : झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) राज्यभर में बिल्डरों की ठगी से लोगों को बचाने में लगा है। इसी के तहत प्रोजेक्ट्स पर कार्रवाई भी की जा रही है। रेरा ने M/s Rebloon impex तथा उसके तीनों पार्टनर धर्मेन्द्र कुमार धीरज, राजेश कुमार तथा शशिकान्त सिंह को रेरा ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। जिससे कि वे न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में कहीं भी काम नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा कंपनी के पार्टनर्स भी कोई अलग फर्म बनाकर कोई प्रोजेक्ट नहीं शुरू कर सकेंगे। मौके पर रेरा के मेंबर विरेंद्र भूषण मौजूद थे।
18 मामले दर्ज है रीब्लून इंपेक्स के
उनके विरूद्ध कुल 18 शिकायतवाद दर्ज किए गए है। जिसमें 17 पर आदेश पारित किया जा चुका है। बताते चलें कि सर्वप्रथम केस नं0-22/2018 का निस्पादन दिनांक 18.12.2019 को ही किया गया। जिसमें दो सप्ताह के अंदर प्रोजेक्ट को झारेरा में रजिस्टर्ड कराने तथा प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड नहीं रहने के कारण रू० 5,00,000/- (पांच लाख) का फाइन भी लगाया गया था। इसके बाद भी न तो प्रोजेक्ट को रजिस्टर्ड कराया गया और न ही निर्णय में दिए गए किसी भी आदेश का पालन किया गया।
बिल्डर की सूचना ईडी और आईटी को
रेरा ने जमशेदपुर के एक बिल्डर पर न केवल कार्रवाई की है। बल्कि उसके द्वारा 83 लाख रुपए ट्रांजैक्शन की जानकारी इडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बिल्डर और कस्टमर दोनों ने अपने इनकम टैक्स में इसे रिफ्लेक्ट किया है या नहीं। चेयरमैन आरके चौधरी ने बताया कि 2013 में ही पैसे की लेनदेन कस्टमर और बिल्डर के बीच हुई थी। फिलहाल यह मामला कंज्यूमर फोरम में भी है। साथ ही कहा कि 10 लाख रुपए से अधिक के ट्रांजैक्शन की सूचना उन्हें रेरा देने को कहा गया है।
लोगों को नहीं ठग सकेंगे बिल्डर
झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) अब और सख्ती के मूड में है। जिसके तहत बिल्डर्स किसी भी हाल में कस्टमर को ठग नहीं सकेंगे। अब रेरा ने किसी भी प्रोजेक्ट या फ्लैट की बिक्री के लिए प्रचार करने के लिए भी रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य कर दिया है, जिसके तहत कहीं भी प्रचार के लिए लगाए गए पोस्टर में बिल्डर्स को रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाना होगा। वहीं बिना रजिस्ट्रेशन के बिल्डर्स किसी को भी प्लॉट खरीदने के लिए भी ऑफर नहीं दे सकते है। बताते चलें कि रेरा में बिल्डर्स के द्वारा ठगे जाने के मामले बढ़ने के बाद ही यह कदम उठाया गया है।
ब्रोशर में देनी होगी डिटेल
अब रेरा ने इसमें एक और नियम जोड़ा है। जिसके तहत बिल्डर को प्रोजेक्ट के ब्रोशर को दिखाना होगा। वहीं कस्टमर्स को उसके अनुसार ही अपार्टमेंट में सुविधाएं देनी होगी। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। इन नियमों के तहत ही रेरा ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जानें क्या कहा झारखंड रेरा के चेयरमैन आरके चौधरी ने।
ऑनलाइन कंप्लेन का आप्शन
रेरा ने बिल्डर्स के खिलाफ कंप्लेन के लिए आनलाइन आप्शन भी शुरू कर दिया है। जिससे कि वे वेबसाइट पर जाकर मेल से कंप्लेन कर सकते है। इसके बाद रेरा मामले की जांच करते हुए उनपर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा। वहीं गलत जानकारी देकर ठगने पर खरीदारों को इसका हर्जाना भी बिल्डर्स से दिलाने में मदद करेगा। बताते चलें कि जिसके लिए इमेल आइडी [email protected] और 06512210170 हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। कई ऐसे बिल्डर है जो बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही काम शुरू कर चुके है, ऐसे लोगों की भी जानकारी रेरा को दे सकते है।
ये भी दी जानकारी
- रेरा में आए 382 कंप्लेन
- 189 कंप्लेन का निपटारा किया गया
- 193 कंप्लेन पर जारी है सुनवाई