लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। वर्ष 2001 में गठित ‘उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संस्कृत परिषद’ को अब अपना स्वयं का भव्य भवन मिलेगा। इस परियोजना की आधारशिला आज रखी गई, जिसकी अनुमानित लागत 42.42 करोड़ रुपये है।
नए भवन में एक भव्य लाइब्रेरी और संस्कृत से संबंधित रोचक जानकारियां प्रदान करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछले 24 वर्षों में परिषद के पास अपना भवन नहीं था, लेकिन आज हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, जहां संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और इसका प्रसार होगा।”
यह पहल उत्तर प्रदेश में शैक्षिक और सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना न केवल संस्कृत भाषा के संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को इस प्राचीन भाषा के ज्ञान और इसके महत्व को समझने में भी सहायता प्रदान करेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “संस्कृत हमारी विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है, और इसे बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। यह भवन संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।”
इस पहल से राज्य में संस्कृत शिक्षा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, और यह भारतीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।