नई दिल्ली : गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहे भीषण संघर्ष के बीच एक नया नाम सुर्खियों में आया है—यासिर अबू शबाब। गाजा के रफा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला यह शख्स अब एक सशस्त्र समूह ‘पॉप्युलर फोर्सेस’ (अल-कुवत अल-शबेया) का नेता है, जो खुद को हमास के खिलाफ स्थानीय प्रतिरोध और फिलिस्तीनियों का रक्षक बताता है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 5 जून, 2025 को पुष्टि की कि इजरायल इस समूह को हथियार और समर्थन प्रदान कर रहा है, ताकि हमास के विकल्प के रूप में इसे मजबूत किया जा सके। नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गाजा में इजरायली सेना की ओर से बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें 25 मई, 2025 को एक हवाई हमले में 36 लोगों की मौत हो गई थी।
यासिर अबू शबाब, जो तराबीन बेडौइन जनजाति के अबू शबाब कबीले से हैं, पारंपरिक रूप से सिनाई प्रायद्वीप में अपने व्यापार नेटवर्क के लिए जाना जाता है, पहले से ही गाजा में एक कुख्यात अपराधी के रूप में जाना जाता था। उन्हें ड्रग तस्करी और चोरी जैसे अपराधों में शामिल होने के लिए हमास की जेल में डाला गया था, लेकिन इजरायली हवाई हमलों के दौरान जेल से भागने के बाद उन्होंने ‘पॉप्युलर फोर्सेस’ नामक एक सशस्त्र समूह की स्थापना की।
इस समूह के लड़ाके फ़िलिस्तीनी झंडे और आतंकवाद निरोधी इकाई के पैच के साथ यूनीफॉर्म पहनते हैं। हाल ही में, अबू शबाब ने एक वीडियो संदेश जारी कर दावा किया कि उनके समूह ने पूर्वी रफा पर कब्जा कर लिया है और विस्थापित फिलिस्तीनियों को वापस लौटने का आह्वान किया, साथ ही उन्हें इजरायली मिलिट्री सुपरविजन के तहत स्थापित अस्थायी शिविरों में भोजन, आश्रय और सुरक्षा का वादा किया।
हालांकि, हमास और स्थानीय लोगों ने अबू शबाब और उनकी समूह को इजरायल का प्रतिनिधि बताया है, जिसका उद्देश्य हमास को गाजा से खत्म करना है। अबू शबाब ने खुद को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि न तो वह और न ही उनकी संगठन का इजरायल से कोई संबंध है। उन्होंने दावा किया कि उनका लक्ष्य फिलिस्तीनियों को हमास के आतंक से बचाना है और उनके हथियार स्थानीय जनसंख्या से एकत्र किए गए साधारण हथियार हैं।
इस बीच, गाजा में इजरायली सेना की ओर से जारी सैन्य अभियान के कारण इजरायल को सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इजरायली सेना के एक प्रवक्ता ने हाल ही में बताया कि गाजा में चल रहे युद्ध के कारण 10,000 से अधिक सैनिकों की कमी है, जिसमें से 6,000 combat troops की आवश्यकता है। इस स्थिति में, ‘पॉप्युलर फोर्सेस’ का उदय इजरायल की रणनीति का एक हिस्सा लगता है, जहां स्थानीय समूहों को हमास के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।
गाजा में जारी हिंसा और विस्थापन के बीच, इजरायल की ओर से ‘पॉप्युलर फोर्सेस’ को समर्थन देना एक नई चुनौती पैदा कर रहा है, जिसका असर क्षेत्र की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर लंबे समय तक देखा जा सकता है।