जयपुर: विज्ञान वरदान से अधिक अभिशाप साबित होता जा रहा। हम सबकी जिंदगी में मोबाईल ने कुछ ऐसी जगह बना ली है कि लोग इसके गिरफ्त में नयी पीढ़ी जकड़ चुकी है। आज आलम ये है कि बच्चे मोबाइल फोन के इतने आदी हो गए हैं कि उन्हें मोबाइल के बिना कुछ नहीं सूझता। वैसे तो मोबाइल के आदी होने के कई साइड इफेक्ट सामने आते रहते हैं। लेकिन इस बार जयपुर में एक ताजा घटना सामने आ रही है जिसे सुनकर मांबाप की रूह कांप जाए।
खबर है कि एक नाबालिग बच्ची को मोबाइल फोन नहीं मिला तो उसने अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली। घटना मंगलवार 4 मार्च की है। जयपुर के श्याम नगर थाना क्षेत्र की द्रव्यवती नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली। यह घटना श्याम नगर थाना क्षेत्र की है। थाना प्रभारी दलबीर सिंह फौजदार ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे एक बालिका के नदी में कूदने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो बालिका नजर नहीं आई। बाद में सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर बुलाया गया। करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला जिसके बाद बच्ची का शव नदी से बाहर निकाला जा सका। पुलिस के मुताबिक बालिका ने सोमवार को अपने हाथ की नसें काट कर जान देने की कोशिश की।
परिजन उसे अस्पताल ले गए और इलाज कराया। अगले दिन मंगलवार को उसने नदी में छलांग लगा दी। एसएचओ दलबीर सिंह ने बताया कि शव को नदी से बाहर निकाल कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिवार वालों से हुई पूछताछ में पता चला कि सोमवार रात को जब परिजनों ने बालिका को मोबाइल नहीं दिया तो उसने झगड़ा किया। इसके बाद उसने अपने हाथ की नसें काटने की कोशिश की। लहूलुहान होने पर परिवार वालों ने इलाज कराया लेकिन अगले दिन सुबह वह बिना बताए घर से निकल गई।
बाद में पता चला कि वह नदी में कूद गई है। इसे लेकर बताया जा रहा कि जिस बालिका ने नदी में कूदकर जान दी। उसका परिवार मूलरूप से बिहार के दरभंगा जिला का रहने वाला है। मृतक लड़की का नाम मुस्कान यादव था। वह 14 वर्ष की थी। पिछले कई सालों से जयपुर में रहकर मजदूरी करने वाला परिवार किराए पर रहता था। घरवालों ने बताया कि मोबाइल के लिए वह हमेशा अग्रेसिव हो जाती थी। घरवाले उसकी यह आदत छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन बच्ची मानने को तैयार नहीं थी।