नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बहरामपुर के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार हिंसा और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की रणनीति का इस्तेमाल करती है ताकि राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रख सके, विशेष रूप से मुस्लिम वोटों को भाजपा के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ मोड़ने के लिए।
चौधरी ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि ममता बनर्जी को पता है कि जब तक भाजपा राज्य की राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश करती है, तब तक सभी मुस्लिम वोट टीएमसी को मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा, “यह उनकी चुनावी रणनीति है। जहां भी वे महसूस करती हैं कि उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, वहां वे ऐसी हिंसा की घटनाओं को अंजाम देती हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में सभी चुनावों में, जहां भी टीएमसी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है, वहां ऐसी हिंसा की घटनाएं होती हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य को विपक्ष-मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
ये आरोप ऐसे समय में आए हैं जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव चरम पर है। भाजपा ने बार-बार दावा किया है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार सांप्रदायिक हिंसा और तुष्टिकरण की नीति को बढ़ावा देती है, विशेष रूप से वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ अप्रैल 2025 में हुए प्रदर्शनों के दौरान। इधर भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने हिंदुओं के खिलाफ निशाना बनाकर हिंसा को प्रोत्साहित किया।
इसके अलावा रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी दोनों पार्टियों ने मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा था, जिसमें पहचान की राजनीति का इस्तेमाल किया गया। राज्य में सामाजिक गठबंधनों के टूटने और वर्ग-आधारित मुद्दों के हाशिये पर चले जाने की प्रवृत्ति देखी गई है।
चौधरी के बयान 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले आए हैं, जहां टीएमसी और भाजपा दोनों ही हिंदू वोटों को आकर्षित करने के लिए मंदिरों और त्योहारों की राजनीति का उपयोग कर रही हैं। इस स्थिति में, राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और बढ़ सकता है, जिससे सामाजिक तानेबाने पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
चौधरी के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में सांप्रदायिकता और हिंसा के मुद्दे चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गए हैं, जो राज्य के भविष्य के लिए चिंता का विषय है।