दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब इकाई में भी राजनीतिक भूचाल आ गया है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि AAP के 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। इस दावे के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है।
केजरीवाल ने विधायकों को दिल्ली बुलाया
इस सियासी हलचल के बीच, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया है। मंगलवार, 11 फरवरी को सुबह 11 बजे कपूरथला भवन में बैठक बुलाई गई है, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और सभी मंत्री भी मौजूद रहेंगे। AAP विधायकों की इस अहम बैठक के चलते पंजाब सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक, जो 10 फरवरी को होने वाली थी, टाल दी है। इससे यह अटकलें और तेज हो गई हैं कि पार्टी में अंदरखाने कुछ बड़ा चल रहा है।
AAP की स्थिति और कांग्रेस का दावा
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में AAP ने 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस को 18, भाजपा को 2, शिरोमणि अकाली दल को 3 और बसपा को 1 सीट मिली थी। पंजाब में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 59 का है। ऐसे में अगर बाजवा का दावा सही भी साबित होता है और 30 विधायक पार्टी छोड़ देते हैं, तो भी AAP के पास 62 विधायक रहेंगे, जिससे उसकी सरकार को कोई सीधा खतरा नहीं होगा।
AAP का पलटवार: महज एक रूटीन मीटिंग
कांग्रेस के इन दावों के जवाब में AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि पार्टी की दिल्ली में एक रूटीन मीटिंग होने जा रही है, जिसे चंडीगढ़ में करने या दिल्ली में करने का फैसला पार्टी नेतृत्व को लेना है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और विधायकों की निष्ठा अटूट है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, पटियाला से कांग्रेस सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने भी बयान देते हुए कहा कि पंजाब में AAP विधायकों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप पंजाब के संसाधनों और स्रोतों पर कब्जा कर रही है। उन्होंने राज्यसभा में बाहरी लोगों को भेजने के फैसले की भी आलोचना की। डॉ. गांधी ने कहा कि “AAP के विधायक मौकापरस्त हैं और वे कांग्रेस या बीजेपी में कहीं भी जा सकते हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में यह पार्टी सत्ता से बाहर हो जाएगी।”
क्या पंजाब में फिर बदलेंगे सियासी समीकरण?
दिल्ली में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी के सामने अब पंजाब में भी बड़ी चुनौती खड़ी होती दिख रही है। क्या वाकई पार्टी में बगावत की आहट है, या यह विपक्षी दलों की महज एक राजनीतिक चाल है? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा, लेकिन फिलहाल पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।