डेस्क: म्यांमार में दो दिन पहले आए भीषण भूकंप ने हजारों जिंदगियां छीन लीं। सड़कों पर बिखरे शवों से अब असहनीय बदबू उठ रही है, वहीं लोग अपनों को ढूंढने के लिए मलबे को नंगे हाथों से हटा रहे हैं। इस आपदा में 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि अनगिनत लोग मलबे के नीचे दबे हैं। इसी बीच, प्रशांत महासागर में बसे टोंगा के तटीय इलाकों में 7.1 तीव्रता का एक जोरदार भूकंप दर्ज किया गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
भूकंप के बाद सुनामी की लहरों के उठने की खबरें सामने आई हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि भूकंप का केंद्र टोंगा के पांगाई गांव से 90 किलोमीटर (56 मील) दक्षिण-पूर्व में था। इसकी गहराई कम होने के कारण झटके बेहद तेज महसूस हुए। टोंगा के अलावा पड़ोसी द्वीप नियू के लिए भी सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुनामी का बढ़ता जोखिम अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली ने बताया, “टोंगा और नियू के कुछ तटीय हिस्सों में समुद्र का जलस्तर सामान्य से 0.3 से 1 मीटर तक ऊंचा हो सकता है।”
शुरुआती चेतावनी में कहा गया था कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर के दायरे में “विनाशकारी सुनामी लहरें” उत्पन्न हो सकती हैं। टोंगा की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने लोगों से समुद्र तटों और निचले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट में लिखा, “तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग फौरन ऊंची जगहों पर जाएं या अंतर्देशीय इलाकों की ओर बढ़ें।” बता दें, लगभग 1 लाख की आबादी वाला टोंगा एक द्वीपसमूह है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए बेहद संवेदनशील है। यह ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर प्रशांत महासागर तक फैला दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है। अभी तक टोंगा में बड़े नुकसान या जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आपदा प्रबंधन टीमें हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।