बिहार के भवन निर्माण विभाग में बड़ा धमाका हुआ है! मुख्य अभियंता तारिणी दास, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, को उनके पद से हटा दिया गया है। यही नहीं, उनकी संविदा नियुक्ति भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। विभाग ने इसकी आधिकारिक पुष्टि करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लेकिन सवाल उठता है—क्या यह केवल एक अधिकारी पर हुई कार्रवाई है, या फिर सत्ता के गलियारों में छिपी सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश?
ईडी की रेड के बाद क्यों जागी सरकार?
तारिणी दास को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर मुख्य अभियंता के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था। लेकिन अब अचानक उन्हें हटाने का फैसला क्यों लिया गया? इसका जवाब ईडी की हालिया छापेमारी में छिपा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब उनके आवास पर छापा मारा, तो करोड़ों रुपये की नगदी बरामद हुई। यह वही पैसे थे, जो कथित रूप से टेंडर घोटालों और सरकारी फंड में हेरफेर से आए थे।
पहले से थे भ्रष्टाचार के आरोप, फिर भी मिली संविदा नियुक्ति!
नोटिफिकेशन के मुताबिक, तारिणी दास पर बिना अनुमति के निविदा रद्द करने और बीओक्यू (Bill of Quantities) को निर्धारित समय से कम अवधि के लिए अपलोड करने के गंभीर आरोप थे। इन मुद्दों पर जब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। यानी विभाग को पहले ही पता था कि नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई की जगह उन्हें संविदा पर फिर से नियुक्त किया गया।
