नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस अब इसमें शामिल व्यक्तियों की जांच कर रही है. इस जांच के दौरान साइबर सेल को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जो हिंसा के पीछे बांग्लादेश का हाथ होने की तरफ इशारा कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि साइबर सेल ने सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की है, जो बांग्लादेश से संचालित हो रहा था और उसने नागपुर में बड़े पैमाने पर दंगे भड़काने की धमकी दी थी। नागपुर साइबर पुलिस के ज़रिए नवाज़ ख़ान पठान नाम के इंस्टाग्राम यूजर का अकाउंट आइडेंटिफाई किया है। जो बांग्लादेश का है इस अकाउंट में नागपुर दंगे के लेकर लिखा गया है कि इस बार सिर्फ हमला किया है, अगली बार तुम्हारी औरतों को उठायेंगे।
नागपुर साइबर पुलिस के ज़रिए करीब 5 हज़ार सस्पेक्ट अकाउंट को हटाने का अनुरोध किया है, जिसमें अलग अलग भड़काऊ पोस्ट किए गए थे। नागपुर साइबर पुलिस के ज़रिए नवाज़ ख़ान पठान नाम के इंस्टाग्राम यूजर का अकाउंट आइडेंटिफाई किया है। जो बांग्लादेश का है इस अकाउंट में नागपुर दंगे के लेकर लिखा गया है कि इस बार सिर्फ हमला किया है, अगली बार तुम्हारी औरतों को उठायेंगे। नागपुर साइबर पुलिस के ज़रिए करीब 5 हज़ार सस्पेक्ट अकाउंट को हटाने का अनुरोध किया है, जिसमें अलग अलग भड़काऊ पोस्ट किए गए थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि इस पोस्ट को एक बांग्लादेशी यूजर ने लिखा था, जिसमें उसने कहा था कि सोमवार को हुए दंगे सिर्फ एक छोटी घटना थी और भविष्य में इससे बड़े दंगे होंगे। पुलिस अब इस अकाउंट की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इसे कौन चला रहा था। साइबर सेल की जांच में यह सामने आया है कि इस अकाउंट को चलाने वाले व्यक्ति बांग्लादेश का निवासी है और उसने यह संदेश बांग्लादेश से पोस्ट किया था।
साइबर सेल ने फेसबुक से संपर्क कर उस अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया है। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी विधानसभा में हिंसा को लेकर बोलते हुआ कहा कि फिलहाल शहर में शांति कायम है। उन्होंने आगे कहा कि नागपुर में 1992 के बाद से कभी दंगे नहीं हुए और यह हालिया घटनाएं जानबूझकर भड़काई गईं। जिन लोगों का इस हिंसा में हाथ है, उन्हें कब्र से भी खोदकर हम बाहर निकालेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा,’कुछ लोगों ने जानबूझकर अफवाह फैलाने की कोशिश की कि आयत को जलाया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। कोई ऐसी चादर नहीं जलाई गई, जिस पर आयत लिखी थी। जानबूझकर यह अफवाह फैलाई गई कि आयत जलाई गई है। यह पूरी तरह से अफवाह थी।’