आज के समय में, जब तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं, केरल की 33 वर्षीय अग्रिमा नायक ने जागरूकता फैलाने के लिए एक अनोखा रास्ता चुना है। न्यूरोसाइंस और योग पर शोधरत अग्रिमा साइकिल से भारत भ्रमण कर रही हैं और अब तक लगभग 8,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी हैं। उनका यह साहसिक अभियान मानसिक स्वास्थ्य और योग के महत्व को समाज तक पहुंचाने के लिए समर्पित है।
2022 में शुरू हुई यात्रा
अग्रिमा ने वर्ष 2022 में केरल से लद्दाख तक की अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। श्री चित्रा रिसर्च सेंटर में कार्यरत इस साहसी महिला ने न केवल एक लंबी दूरी तय की, बल्कि हर राज्य में स्थानीय समुदायों से मिलकर योग और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाई। वर्तमान में वे नालंदा पहुंच चुकी हैं, जहां वे ऐतिहासिक स्थलों जैसे पावापुरी, नालंदा के खंडहर और राजगीर का भ्रमण कर रही हैं।
हर दिन नई चुनौती, लेकिन अटूट संकल्प
अग्रिमा ने अपने सफर की कठिनाइयों के बारे में बताया कि हर दिन उनके सामने एक नई चुनौती होती है। बदलते मौसम, ठहरने की जगह ढूंढने की समस्या और लगातार साइकिल चलाने की थकान के बावजूद उनका दृढ़ संकल्प उन्हें आगे बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार और देशभर के लोगों का समर्थन उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
योग और मानसिक स्वास्थ्य का संदेश
अग्रिमा का मानना है कि योग और मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं। उनका यह अभियान न केवल तनावपूर्ण जीवनशैली में सुधार का संदेश देता है, बल्कि महिलाओं को प्रेरित करता है कि साहस और संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यह यात्रा महिला सशक्तिकरण का एक अद्भुत उदाहरण बन गई है।
प्राचीन विरासत से संवाद
अग्रिमा जहां भी जाती हैं, वहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करती हैं और स्थानीय लोगों से संवाद करती हैं। उन्होंने नालंदा में बताया कि योग और मानसिक स्वास्थ्य न केवल आधुनिक समय की जरूरत हैं, बल्कि यह भारत की प्राचीन धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं।
अभियान का भविष्य
अग्रिमा ने बताया कि केरल से लद्दाख तक की यात्रा पूरी करने के बाद अब वे केरल से नेपाल तक की यात्रा करने का लक्ष्य रखती हैं। यह अभियान न केवल हजारों लोगों को प्रेरित कर रहा है, बल्कि एक नई सोच को जन्म दे रहा है कि जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाना जरूरी है।
अग्रिमा नायक की यह यात्रा न केवल साहस और दृढ़ता का प्रतीक है, बल्कि यह एक प्रेरणा है कि मानसिक स्वास्थ्य और योग जैसी मूलभूत चीजों को जीवन का हिस्सा बनाया जाए। उनका यह अभियान आने वाले समय में कई और लोगों को प्रेरित करता रहेगा।