अहमदाबाद : अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए भयानक विमान हादसे में नया मोड़ आया है। एयर इंडिया की लंदन जा रही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट, जो 242 यात्रियों के साथ उड़ान भरने के चंद मिनट बाद क्रैश हो गई थी, के कॉकपिट का वॉइस रिकॉर्डर (CVR) अब बरामद हो गया है। इस हादसे में 240 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसमें विमान के यात्री और हादसे वाली जगह पर मौजूद लोग शामिल हैं। यह पिछले एक दशक का सबसे भीषण विमान हादसा माना जा रहा है।
हादसा उस समय हुआ जब विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर जा गिरा, जो लंच टाइम के दौरान भरा हुआ था। इस दुर्घटना में अब तक 92 मृतकों की डीएनए से पहचान हो चुकी है, जबकि 47 शवों को पीड़ित परिवारों को सौंप दिया गया है। हवाई अड्डे ने दुर्घटना के बाद उड़ानों को निलंबित कर दिया था, जो अब सीमित सेवाओं के साथ फिर से शुरू हो चुका है।
बरामद कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर इस हादसे की जांच में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह डिवाइस पायलटों की बातचीत, कॉकपिट में हुई गतिविधियों, इंजन की आवाज़, और विमान की रफ्तार जैसे महत्वपूर्ण विवरण रिकॉर्ड करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रिकॉर्डिंग यह समझने में मदद कर सकती है कि आखिरी क्षणों में पायलट ने मेडे कॉल क्यों की और विमान उड़ान भरने के बजाय नीचे क्यों गिरा। अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के अध्ययन बताते हैं कि CVR और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) के संयोजन से दुर्घटना के कारणों का 70% तक पता लगाया जा सकता है।
हादसे की जांच में ब्लैक बॉक्स पहले ही बरामद हो चुका है, और अब वॉइस रिकॉर्डर के साथ और गहराई से विश्लेषण संभव हो सकेगा। इस संवेदनशील रिकॉर्डिंग को केवल विशेष परिस्थितियों में ही सुना जाता है, और यह पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, और ग्राउंड क्रू के बीच बातचीत का भी खुलासा कर सकता है। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल का दौरा कर घायलों से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा व जवाबदेही की मांग की है।
अभी तक हादसे के सटीक कारण का पता नहीं चल सका है, लेकिन वॉइस रिकॉर्डर और ब्लैक बॉक्स के डेटा से उम्मीद है कि जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “अहमदाबाद में हुई इस त्रासदी ने हमें हिला कर रख दिया है।” अमेरिका और ब्रिटेन भी भारत के साथ मिलकर जांच में सहयोग कर रहे हैं।
यह घटना न केवल विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय और सुरक्षा के उपायों की मांग को भी तेज कर रही है। आने वाले दिनों में जांच के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी होंगी।