नई दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोसेसर बाजार में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बाजार का मूल्य 2028 तक 43 खरब रुपये (लगभग 500 अरब डॉलर) तक पहुंच सकता है। यह अनुमान दिग्गज चिप निर्माता कंपनी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (AMD) की मुख्य कार्यकारी लिसा सु ने व्यक्त किया है।
बाजार में 60% से अधिक की वार्षिक वृद्धि की संभावना
सिलिकॉन वैली स्थित AMD ने दावा किया है कि AI चिप बाजार में सालाना 60% से अधिक की वृद्धि दर देखने को मिल सकती है। कंपनी के अनुसार, वर्ष 2023 में यह बाजार 45 अरब डॉलर पर था, जो अगले पांच वर्षों में कई गुना बढ़कर 500 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।
लिसा सु ने ‘एडवांसिंग एआई 2025’ सम्मेलन में कहा कि इस वृद्धि को इंफेरेंसिंग गतिविधियां (जो प्रशिक्षण से अलग कार्य हैं) बढ़ावा देंगी, जिसमें पहले से प्रशिक्षित AI मॉडलों का वास्तविक दुनिया में व्यापक उपयोग शामिल है।
नई तकनीक और उत्पाद लॉन्च
AMD ने इस अवसर पर अपनी नई ‘MI350 सीरीज’ ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) भी पेश की, जिसका दावा है कि यह प्रति डॉलर 40% अधिक टोकन जारी करने में सक्षम है। कंपनी की प्रमुख ने कहा कि ये चिप्स ग्राहकों के लिए लागत प्रभावी और कुशल साबित होंगी।
इसके अलावा, AMD ने एक डेवलपर क्लाउड एक्सेस प्रोग्राम भी शुरू किया, जो डेवलपर्स को अपनी तकनीकों का प्रत्यक्ष उपयोग करने की सुविधा देगा।
भारत में AI का बढ़ता प्रभाव
हाल ही में, 11 जून 2025 को भारत ने अपनी हाइब्रिड VTOL UAV ‘रुद्रास्त्र’ का सफल परीक्षण किया, जो AI संचालित तकनीकों के रक्षा क्षेत्र में उपयोग को दर्शाता है। यह विकास भारत में AI चिप्स की मांग को बढ़ा सकता है और वैश्विक टेक दिग्गजों के प्रभुत्व को चुनौती दे सकता है।
AMD ने दावा किया कि भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो सहित 10 बड़े AI ग्राहकों में से 7 पहले से ही AMD इंस्टिंक्ट एक्सेलेरेटर का उपयोग कर रहे हैं।
चुनौतियां और भविष्य
हालांकि, IEEE और MarketsandMarkets की रिपोर्ट्स के अनुसार, AI हार्डवेयर डिजाइन में स्केलेबिलिटी और आपूर्ति श्रृंखला में देरी जैसी चुनौतियां बाजार के विकास में बाधा बन सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डीप लर्निंग और इमेज रिकग्निशन जैसे क्षेत्रों में AI चिप्स की मांग बढ़ रही है, लेकिन उच्च विकास लागत और डेटा प्रबंधन जटिलताएं भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
निष्कर्षAI प्रोसेसर बाजार की इस तेजी से वृद्धि से तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, खासकर भारत जैसे उभरते बाजारों में। टेक और रक्षा क्षेत्र में AI के एकीकरण के साथ, 2028 तक यह बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है, बशर्ते उद्योग इन चुनौतियों से निपटने में सफल हो l