नई दिल्ली : ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के एक बयान की कड़ी आलोचना की है। यह बयान भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के संदर्भ में दिया गया था।
रशीदी ने कहा कि यदि अरशद मदनी को पाकिस्तान से इतना प्यार है, तो उन्हें भारत में रहने के बजाय पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “जब देश एक युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, तब इस तरह के बयान दुश्मन को मजबूत करते हैं। पाकिस्तान ने हमारे लोगों को मारा है, तो क्या हमें उनका पानी नहीं रोकना चाहिए? यह कोई गलत बात नहीं है। मैं भी एक मुसलमान हूँ, लेकिन ऐसा कौन सा मुसलमान होगा जो कुरान के खिलाफ खड़ा हो? मैं इस बयान की निंदा करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि अरशद मदनी अपने बयान को वापस लेंगे।”
दरअसल, अरशद मदनी ने सरकार के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “अगर कोई पानी रोकता है, तो रोक ले… ये नदियाँ हजारों सालों से बह रही हैं, इनका पानी कहाँ ले जाओगे? यह आसान नहीं है। मेरा मानना है कि नियम प्यार का होना चाहिए, नफरत का नहीं। मैं एक मुसलमान हूँ, मैं इस देश में अपनी जिंदगी बिता रहा हूँ, और मुझे पता है कि यहाँ जो चीजें बढ़ाई जा रही हैं, वे देश के लिए ठीक नहीं हैं।”
रशीदी के बयान ने दोनों मुस्लिम नेताओं के बीच विचारों की गहरी खाई को उजागर किया है, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीति पर एक व्यापक बहस को भी जन्म दिया है। कुछ लोग रशीदी के रुख का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य मदनी के “प्रेम और सहानुभूति” वाले दृष्टिकोण की सराहना कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नए तनावपूर्ण अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और चर्चा होने की संभावना है।