नई दिल्ली : एयर इंडिया की एक और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट में तकनीकी खराबी की खबर सामने आई है, जिसके कारण हांगकांग से दिल्ली आ रही फ्लाइट AI315 को इमरजेंसी लैंडिंग के लिए वापस हांगकांग लौटना पड़ा। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं ने यात्रियों और विशेषज्ञों के बीच एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या का पता चलने के बाद विमान को सुरक्षित रूप से हांगकांग एयरपोर्ट पर उतारा गया, और सभी यात्री सुरक्षित हैं। एयर इंडिया की तकनीकी टीम ने इस गड़बड़ी के कारणों की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह घटना अहमदाबाद में हाल ही में हुए भयानक विमान हादसे के चार दिन बाद हुई है, जिसमें 270 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
पिछले घटनाओं का इतिहास
- 2015 से 2024 के बीच एयर इंडिया के 787 ड्रीमलाइनर विमानों में 32 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें इंजन बंद होना, हाइड्रोलिक रिसाव, केबिन दबाव की समस्या और टायर फटने जैसे मामले शामिल हैं।
- 2013 में बोइंग ने ड्रीमलाइनर के लिए एक “मॉडिफिकेशन पैकेज” पेश किया था, लेकिन इसके बावजूद समस्याएं बनी रहीं। दिसंबर 2024 में नई दिल्ली से बर्मिंघम उड़ान के दौरान नाक गियर में हाइड्रोलिक रिसाव के कारण विमान को 28 घंटे तक ग्राउंड किया गया था।
- सितंबर 2024 में हांगकांग से दिल्ली की एक अन्य उड़ान का जिक्र है, जो ईंधन रिसाव के संदेह में कोलकाता में इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मजबूर हुई थी। यह विमान भी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था।
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इन लगातार घटनाओं से पता चलता है कि एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर बेड़े में रखरखाव और तकनीकी निगरानी में गंभीर खामियां हो सकती हैं। अहमदाबाद हादसे के बाद सरकार ने डीजीसीए, एएआईबी और स्वतंत्र विशेषज्ञों की हाई-लेवल जांच समिति गठित की है, लेकिन अभी तक नतीजे सामने नहीं आए हैं।
इन बार-बार होने वाली तकनीकी खामियों ने आम यात्रियों के मन में एयर इंडिया की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि एयरलाइन को अपने बेड़े की व्यापक जांच और रखरखाव प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
एयर इंडिया और बोइंग की ओर से इस नवीनतम घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है, लेकिन जांच के नतीजे का इंतजार है।