वाशिंगटन/मॉस्को: एक हालिया सार्वजनिक हुई CIA की क्लासिफाइड फाइल ने दुनिया को चौंका दिया है। दस्तावेज़ में दावा किया गया है कि 1989-90 के दौरान साइबेरिया में सोवियत सैनिकों और एलियंस के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 23 सैनिक “पत्थर में तब्दील” हो गए थे। यह घटना न केवल अविश्वसनीय लगती है, बल्कि सवाल भी उठाती है: क्या हम पहली बार नहीं, बल्कि पहले ही एलियंस से मिल चुके हैं?
फाइल के अनुसार, सोवियत सेना साइबेरिया में एक नियमित मिशन पर थी जब एक उड़न तश्तरी जैसी वस्तु उनके ऊपर मंडराने लगी। जवाबी कार्रवाई में एक सैनिक ने उस पर मिसाइल दागी, जिससे वह यूएफओ दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कुछ ही पलों बाद, यूएफओ से पांच छोटे कद के, बड़ी आंखों वाले प्राणी बाहर निकले। उन्होंने एक गोलाकार ऊर्जा क्षेत्र बनाया और जैसे ही वह चमकदार रोशनी से फटा, आसपास खड़े 23 सैनिक ठोस पत्थर जैसे खंभों में बदल गए।
250 पेज की केजीबी रिपोर्ट: एलियंस का प्रलय या प्रयोग?
CIA की यह 1-पेज रिपोर्ट सोवियत खुफिया एजेंसी KGB की एक विस्तृत, 250 पेज की फाइल पर आधारित बताई जा रही है। इसमें घटनास्थल की तस्वीरें, सैनिकों की बॉडीज के स्केच और वैज्ञानिक विश्लेषण शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया कि सैनिकों की जैविक संरचना चूना पत्थर जैसे तत्वों में बदल चुकी थी—ऐसा प्रभाव जो किसी अज्ञात ऊर्जा से ही संभव था। CIA के एक अनाम अधिकारी के हवाले से कहा गया कि “अगर केजीबी की फाइल असली है, तो यह इंसानियत के लिए सबसे गंभीर चेतावनी है—एलियंस के पास वो तकनीकें हैं जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की।” यह बयान उस दौर की सोच को दर्शाता है जब यूएफओ को दुश्मन की निगरानी या हथियार समझा जाता था, और अमेरिका-सोवियत दोनों इसके पीछे गहरी दिलचस्पी रखते थे।
असली या अफवाह? विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
कई यूएफओ विशेषज्ञ और पूर्व CIA अधिकारी इस फाइल की सत्यता पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व एजेंट माइक बेकर का कहना है कि “कहानी में सच्चाई का अंश हो सकता है, लेकिन यह भी संभव है कि यह शीत युद्ध के दौरान केजुअल भ्रम या प्रोपेगैंडा का हिस्सा हो।” इसके अलावा, यह दस्तावेज़ 1993 में यूक्रेनी अख़बार ‘Holos Ukrayiny’ और कनाडा के ‘Weekly World News’ की रिपोर्ट्स पर आधारित है, जिन्हें कई बार काल्पनिक और मनोरंजनात्मक सामग्री के लिए जाना जाता है। यूएफओ और UAPs (Unidentified Aerial Phenomena) को लेकर दुनियाभर में रुचि तेजी से बढ़ रही है। 2020 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने UAP टास्क फोर्स बनाई, और 2025 में अमेरिकी सरकार UFO से जुड़े सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक करने पर विचार कर रही है। तो क्या यह वाकई एलियन मुठभेड़ थी? इस कहानी में कई छेद हैं—कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं, कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं और स्रोतों की विश्वसनीयता संदिग्ध। लेकिन यह एक बार फिर उस सवाल को हवा देती है जो मानव सभ्यता सदियों से पूछ रही है, क्या हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं? या फिर, कहीं कोई हमें बहुत पहले से देख रहा है?