नई दिल्ली: होली वैसे तो रंगों का त्योहार है परंतु अलिगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इस त्योहार को लेकर घमासान मचा हुआ है। दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली मिलन समारोह का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन से होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं मिलने के बाद कई हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है और धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। साथ ही इस विवाद ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है और विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं। अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने इस मामले में भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि एएमयू में होली मनाने से कोई रोकेगा और मारपीट करेगा तो उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा।
वहीं करणी सेना ने 10 मार्च को होली खेलने का ऐलान कर दिया है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि छात्रों के होली खेलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन विशेष आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। मालूम हो कि यह पूरा विवाद एक प्रार्थना पत्र के बाद से शुरू हुआ। एएमयू में मास्टर्स के छात्र अखिल कौशल ने बताया कि हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर को वाइस चांसलर के नाम पत्र सौंपकर आगामी 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह आयोजन करने की अनुमति मांग थी, जिसे लेकर वाइस चांसलर ने प्रोफेसर और डीन की मीटिंग बुलाई। छात्र अखिल कौशल ने बताया कि इस संबंध में छात्र दोबारा प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली से मिले तो उन्होंने बताया कि मीटिंग में होली मिलन समारोह के आयोजन के बारे में निर्णय लिया गया कि होली मिलन समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद हिन्दू संगठन आग आए और अब भेदभव का आरोप लगा कर होली मिलन समारोह मनाने की मांग कर रहें है।