बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राज्य सरकार के वित्त और अन्य सरकारी विभागों में भारी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि सीनियर अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर निजी कंपनियों और एनजीओ को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे राज्य को हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
बिना टेंडर के निजी कंपनियों को ठेके देने का आरोप
सांसद सुधाकर सिंह ने पत्र में लिखा है कि विभिन्न सरकारी विभागों में बिना प्रतिस्पर्धी बोली (Competitive Bidding) के निजी कंपनियों को संविदा पर कार्य दिए गए और उन्हें बतौर सलाहकार नियुक्त किया गया। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि,
“ऐसी नियुक्तियों से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। बिना पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के कंपनियों को ठेका देना पूरी तरह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।”
वित्त सचिव की नियुक्ति और ट्रांसफर पर भी सवाल
सुधाकर सिंह ने 31 अगस्त 2024 को नियुक्त हुए वित्त सचिव के महज तीन दिन बाद 3 सितंबर 2024 को हुए ट्रांसफर को भी संदेहास्पद करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि नए वित्त सचिव आनंद किशोर की नियुक्ति के बाद वित्त विभाग में लिए गए कुछ निर्णयों की निष्पक्षता संदिग्ध है।
उन्होंने बजट संबंधी बैठकों में निजी कंपनियों और बाहरी व्यक्तियों की भागीदारी पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि बजट नीति जैसे संवेदनशील मामलों में बाहरी लोगों की भागीदारी सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।
बिहार में जन लोकपाल की नियुक्ति की मांग
सुधाकर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में लंबे समय से जन लोकपाल का पद रिक्त पड़ा है, जिससे भ्रष्टाचार की जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हो पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जन लोकपाल की तत्काल नियुक्ति की जाए, ताकि राज्य में भ्रष्टाचार पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सके।
सरकार से पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया लागू करने की मांग
पत्र में सुधाकर सिंह ने सरकार से पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया लागू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा,
“विभिन्न विभागों में सलाहकारों और निजी कंपनियों की नियुक्ति से पहले उसकी आवश्यकता का विस्तृत आकलन किया जाए। केवल पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के तहत ही किसी कंपनी या गैर-सरकारी संगठन को परामर्शी के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए।”
सरकार पर बढ़ा दबाव, विपक्ष ने किया हमला
सुधाकर सिंह के पत्र के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। आरजेडी और कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, और सरकारी तंत्र में बड़े स्तर पर घोटाले हो रहे हैं।