नयी दिल्ली: आने वाले एक अप्रैल से कुछ मोबाईल नम्बर्स पर यूपीआई नहीं चल सकेंगे। बता दें अगर आप Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे ऐप्स से UPI पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. 1 अप्रैल 2025 से UPI पेमेंट से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि जिन मोबाइल नंबरों को लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं किया गया, उन्हें बैंक खाते से हटा दिया जाएगा. अगर आपका बैंक अकाउंट किसी इनएक्टिव नंबर से लिंक है, तो वह डिलीट हो सकता है और आपको UPI पेमेंट करने में परेशानी हो सकती है. NPCI ने यह कदम बढ़ते साइबर फ्रॉड और टेक्निकल दिक्कतों को रोकने के लिए उठाया है. जब कोई मोबाइल नंबर लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहता, तो टेलीकॉम कंपनियां उसे किसी दूसरे व्यक्ति को अलॉट कर सकती हैं.
अगर यह नंबर पहले से किसी बैंक अकाउंट से लिंक था और नया यूज़र इसका गलत इस्तेमाल करता है, तो फ्रॉड की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, बैंक और UPI सिस्टम में तकनीकी दिक्कतें भी आ सकती हैं, जिससे गलत ट्रांजैक्शन या पेमेंट फेल होने की समस्या हो सकती है. NPCI का उद्देश्य UPI को और ज्यादा सुरक्षित बनाना है ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो. NPCI ने यह कदम बढ़ते साइबर फ्रॉड और टेक्निकल दिक्कतों को रोकने के लिए उठाया है. जब कोई मोबाइल नंबर लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहता, तो टेलीकॉम कंपनियां उसे किसी दूसरे व्यक्ति को अलॉट कर सकती हैं. अगर यह नंबर पहले से किसी बैंक अकाउंट से लिंक था और नया यूज़र इसका गलत इस्तेमाल करता है, तो फ्रॉड की संभावना बढ़ सकती है. इसके अलावा, बैंक और UPI सिस्टम में तकनीकी दिक्कतें भी आ सकती हैं, जिससे गलत ट्रांजैक्शन या पेमेंट फेल होने की समस्या हो सकती है.
NPCI का उद्देश्य UPI को और ज्यादा सुरक्षित बनाना है ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो. UPI पेमेंट के लिए आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक पहचान के रूप में काम करता है. जब आप किसी को पेमेंट भेजते हैं, तो बैंक आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि पैसा सही व्यक्ति को ही ट्रांसफर हो रहा है. अगर आपका नंबर लंबे समय तक इनएक्टिव रहता है और उसे किसी और व्यक्ति को असाइन कर दिया जाता है, तो यह गलत ट्रांजैक्शन या फंड मिसडायरेक्शन का कारण बन सकता है. इससे आपका पैसा किसी और के अकाउंट में भी जा सकता है. अगर आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है या आपने उसे रीचार्ज नहीं किया, तो आपको तुरंत इसे चेक करना चाहिए. इसके लिए आप Jio, Airtel, Vi या BSNL जैसे अपने टेलीकॉम प्रोवाइडर से संपर्क करके यह पुष्टि कर सकते हैं कि नंबर अभी भी आपके नाम पर है या नहीं.
अगर आपका नंबर इनएक्टिव हो गया है, तो आपको या तो इसे फिर से एक्टिवेट करवाना चाहिए या अपने बैंक अकाउंट में नया मोबाइल नंबर अपडेट करना चाहिए. इससे आपको भविष्य में किसी भी UPI ट्रांजैक्शन में दिक्कत नहीं होगी. NPCI ने बैंकों और UPI ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे हर हफ्ते इनएक्टिव मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड अपडेट करें. इसका मतलब यह है कि 1 अप्रैल 2024 से बैंक उन सभी नंबरों को हटा देंगे जो लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं थे. अगर आप चाहते हैं कि आपका UPI पेमेंट बिना किसी रुकावट के चलता रहे, तो अभी अपने बैंक और मोबाइल नंबर की जानकारी अपडेट करें