रांची : झारखंड की राजधानी रांची में अमन साहू गिरोह ने एक बार फिर अपनी सक्रियता दिखाते हुए कारोबारियों, ठेकेदारों और बिल्डरों को सोशल मीडिया के जरिए खुली धमकी दी है। इस धमकी के बाद इलाके में दहशत का माहौल है, और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
अमन साहू गिरोह ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, “आज के बाद भी जो कोई व्यापारी हमें इग्नोर करेगा, उसको सोचने लायक भी नहीं छोड़ेंगे हम। मैनेज और सेटलमेंट करो, यही बेहतर रहेगा, तेरे और तेरे परिवार वालों और कर्मचारियों के लिए।” विज्ञप्ति में यह भी चेतावनी दी गई कि भविष्य में होने वाली किसी भी घटना की जिम्मेदारी गिरोह खुले तौर पर लेगा और लोग उनके कॉल या मैसेज को नजरअंदाज न करें।

अमन साहू की मौत के बाद भी सक्रिय है गिरोह
गौरतलब है कि अमन साहू, इस गिरोह का सरगना, 11 मार्च 2025 को झारखंड के पलामू जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। यह घटना तब हुई थी जब साहू को रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था, और उसके गिरोह के सदस्यों ने उसे छुड़ाने की कोशिश की थी। उस समय झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया था कि साहू 100 से अधिक आपराधिक मामलों, जिसमें हत्या और उगाही शामिल थी, में संलिप्त था। साहू के लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से भी संबंध होने की बात सामने आई थी।
हालांकि साहू की मौत के बाद यह उम्मीद थी कि गिरोह की गतिविधियां कम हो जाएंगी, लेकिन ताजा धमकी से साफ है कि गिरोह अब भी सक्रिय है और संभवतः नए नेतृत्व में काम कर रहा है।
क्यों निशाने पर हैं ठेकेदार और बिल्डर?
अमन साहू गिरोह लंबे समय से कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, ठेकेदारों और रियल एस्टेट कारोबारियों को निशाना बनाता रहा है। झारखंड में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का विशेष ध्यान है, जैसा कि रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर उल्लेखित है। इस वजह से ठेकेदार और बिल्डर इस गिरोह के लिए आसान शिकार बन जाते हैं, जो उगाही के लिए धमकी और हिंसा का सहारा लेते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और सियासी प्रतिक्रिया
साहू की मौत के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार की कार्रवाई की तारीफ की थी और इसे राज्य में आपराधिक साम्राज्य चलाने वालों के लिए एक सख्त संदेश बताया था। हालांकि, गिरोह की ताजा धमकी से सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस प्रशासन इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम है।
पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने के साथ-साथ संभावित लक्ष्यों को सुरक्षा प्रदान करने की योजना बनाई है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पहले भी कहा था कि जेलों से आपराधिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, और इस दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय कारोबारियों में डर का माहौल
धमकी के बाद स्थानीय कारोबारी और ठेकेदार डर के साये में हैं। एक स्थानीय ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमें पहले भी ऐसी धमकियां मिलती थीं, लेकिन साहू की मौत के बाद लगा था कि यह सिलसिला रुक जाएगा। अब फिर से वही डर वापस आ गया है।”
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें और धमकी मिलने पर तत्काल संपर्क करें। इस बीच, रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।