वाशिंगटन/तेहरान: मध्य पूर्व में लगातार बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई करते हुए उसके परमाणु प्रतिष्ठानों, मिसाइल अड्डों और कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया। यह हमला ईरान के क्षेत्रीय गतिविधियों और परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के बीच हुआ है।
पेंटागन की पुष्टि के अनुसार, यह हमला “सटीक और रणनीतिक रूप से सीमित” था। हमले के दौरान अमेरिका ने टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें, F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स, और B-2 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया।
प्रमुख निशाने:
- नतान्ज और फोर्दो परमाणु रिसर्च साइट्स
- तेहरान के बाहर मिसाइल लॉन्चिंग स्टेशन्स
- इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की रणनीतिक कमांड यूनिट्स
अमेरिका का पक्ष:
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक प्रेस बयान में कहा:
“हमने यह कार्रवाई ईरान की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और परमाणु महत्वाकांक्षाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से की है। यह हमला नागरिक ठिकानों को छोड़कर केवल सैन्य लक्ष्यों तक सीमित था।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“ईरान को चेतावनी दी गई थी। हमने संयम बरता, लेकिन अब समय आ गया है कि दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।”
ईरान की प्रतिक्रिया:
ईरानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को “घोषित युद्ध” करार दिया और कहा कि इसका “उचित और निर्णायक जवाब” दिया जाएगा।
IRGC प्रमुख जनरल हुसैन सलामी ने चेतावनी दी:
“हम शहीद होने से नहीं डरते। दुश्मन को बहुत जल्द हमारे प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
- रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की है।
- फ्रांस, जर्मनी और भारत ने स्थिति को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की सलाह दी है।
आर्थिक असर:
- तेल की कीमतों में भारी उछाल, ब्रेंट क्रूड $105 प्रति बैरल तक पहुँचा
- ग्लोबल शेयर बाज़ारों में गिरावट, निवेशकों में चिंता
- साइबर सुरक्षा अलर्ट: अमेरिकी और इजरायली वेबसाइटों पर संभावित ईरानी साइबर हमलों की आशंका
पृष्ठभूमि में चल रही गतिविधियाँ:
इस हमले से पहले:
- 13 जून को इजरायल ने ईरान के कई ठिकानों पर अचानक हमला किया था
- अमेरिका ने अपने विमान कतर के एल उदीद एयरबेस से हटाए थे
- क्षेत्र में अमेरिकी विध्वंसक जहाजों और अतिरिक्त बलों की तैनाती पहले से हो चुकी थी
- ईरान समर्थित गुटों द्वारा इजरायली और अमेरिकी अड्डों पर रॉकेट दागने की घटनाएं बढ़ी थीं
अमेरिका द्वारा ईरान पर यह हमला न केवल सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह भू-राजनीतिक संतुलन में बड़ा बदलाव लाने वाला कदम भी हो सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ईरान की प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या यह हमला किसी व्यापक संघर्ष की शुरुआत है या राजनयिक दबाव की रणनीति।