अमेरिका ने अपनी नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को जबरन डिपोर्ट कर दिया। यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त प्रवासी नीति के तहत की गई, और इन प्रवासियों को अमेरिकी एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए अमृतसर के एयरफोर्स एयरबेस पर भेजा गया। इस विमान में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे।
अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इन प्रवासियों का वैरिफिकेशन किया गया और फिर इमिग्रेशन और कस्टम क्लियरेंस के बाद उन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। यह खबर उन लोगों के लिए है, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे और अब उन्हें देश वापस भेज दिया गया है।
अमेरिका का लक्ष्य: 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट करना
इस मामले में अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है, जिनमें से 186 के नाम की लिस्ट पहले ही जारी हो चुकी है। हालांकि, बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है।
अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट के अनुसार, अमेरिका के पास कुल 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीयों की लिस्ट है, जिन्हें डिपोर्ट किया जाएगा। यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिवसीय यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप के बीच 13 फरवरी को महत्वपूर्ण वार्ता प्रस्तावित है।
अमेरिका से भारत लाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल
यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया। सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने भारतीय समय के अनुसार 4 फरवरी की सुबह 3 बजे सैन एंटोनियो से उड़ान भरी और लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से भारत पहुंचा। यह चार्टर्ड उड़ान की तुलना में लगभग छह गुना अधिक महंगी थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने जब से सत्ता संभाली है, अवैध रूप से रह रहे बाहरी नागरिकों को डिपोर्ट करने की सख्त नीति अपनाई है। यह नीति अब भी जारी है, जिसके तहत लाखों प्रवासियों को अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कई परिवार और छोटे बच्चे भी हैं शामिल
इस डिपोर्टेशन प्रक्रिया में शामिल लोगों में केवल युवा और वयस्क ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, 104 प्रवासियों में से कुछ परिवार भी हैं, जिनमें 8-10 साल के बच्चे भी शामिल हैं। इन प्रवासियों को उनकी राज्य के हिसाब से भेजने की योजना बनाई गई है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लोगों को बाई रोड उनके घर भेजा जाएगा, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लोगों को फ्लाइट से उनके घर भेजने की योजना बनाई गई है।